पीके खुराना

इस प्रक्रिया का लाभ यह है कि इस प्रकार हम न केवल केवल को समझ पाते हैं बल्कि उसका प्रभावी समाधान भी खोज लेते हैं। समस्या का इस प्रकार से विश्लेषण करने की प्रक्रिया में हमारी जिज्ञासा जागृत होती है और हम मामले की गहराई में उतरते हैं। किसी समस्या के समाधान के लिए हम जितना गहराई में जाते हैं, उतना ही उस समस्या को समझ पाने की समझ विकसित होती है और हमारा समाधान भी

स्पिरिचुअल हीलिंग के दौरान रोगी ध्यान की-सी अवस्था में होता है जिसमें उसका अवचेतन मन जागृत हो जाता है जिससे रोग का कारण समझकर उसका निदान करना आसान हो जाता है। स्पिरिचुअल हीलिंग से मनोविकारों के इलाज के परिणामस्वरूप बहुत सी शारीरिक व्याधियों का इलाज खुद-ब-खुद हो जाता है और इस पद्धति का जितना प्रचार-प्रसार होगा, रोगियों की संख्या उतनी ही कम होती चली जाएगी। इससे नए अस्पताल बनाने की जरूरत खत्म हो जाएगी... भारतीय

स्पिरिचुअल हीलिंग में प्राणायाम, योग, एनएलपी और ध्यान की सात्विक विधियों का प्रयोग होता है। यही कारण है कि इसे स्पिरिचुअल हीलिंग या आध्यात्मिक उपचार का दर्जा दिया गया है। यह भारतवर्ष की प्राचीनतम विद्याओं में से एक है जिसे धीरे-धीरे भुला दिया गया। अब समय आ गया है कि हम अपनी विरासत को पहचानें,

एक प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति होने के बावजूद इसकी जानकारी का अभाव है, वरना इस बात में कोई दो राय नहीं है कि अगर आध्यात्मिक चिकित्सा पद्धति को बड़े पैमाने पर प्रयोग किया जाए तो हमें नए अस्पताल बनाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी… अपनी विश्व प्रसिद्ध पुस्तक ‘मेन आर फ्रॉम मार्स, वीमेन आर फ्रॉम

धन की कमी से जूझता व्यक्ति या धन की कमी हो जाने के डर से काम में लगा व्यक्ति वस्तुत: डर की भावना से ग्रस्त डरा हुआ व्यक्ति है। भयभीत मानसिकता वाला व्यक्ति कभी इन्नोवेशन की, अभिनव आविष्कार की बात नहीं सोच सकता। भयभीत मानसिकता वाला व्यक्ति सबसि

यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की रिसर्च में जो बड़ी बात सामने आई वो ये थी कि मरीज कोई भी हो, बीमारी कोई भी हो, अगर इलाज के समय डॉक्टर सिर्फ क्लीनिकल टैस्ट और लैबोरेट्री टैस्ट तक ही सीमित न रहे, बल्कि बीमारी के समय की स्थितियों को भी समझे, मरीज की मानसिक दशा का भी अध्ययन

लब्बोलुआब यह कि जब हम जीवन की कठिनाइयों और विसंगतियों के साथ खुशी-खुशी रहना सीख लेते हैं तो जीवन उत्सव बन जाता है। यहां यह ध्यान देने की बात है कि हम कठिनाइयों के बावजूद, कमियों के बावजूद, असहमतियों के बावजूद खुशी-खुशी रहना सीखते हैं, तभी ऐसा हो पाता है कि हम जीवन का आनंद

एक ही कार्य को बार-बार दोहराने से जब वह कार्य आपके लिए आसान हो जाता है तो आप उसके विशेषज्ञ हो जाते हैं। कुशल कलाकार, कुशल सर्जन, कुशल सेल्समैन, कुशल मैनेजर आदि सब अभ्यास से बनते हैं। जीवन के किसी भी क्षेत्र पर निगाह डालिए, आप पाएंगे कि अभ्यास की कुंजी ने लोगों को विशेषज्ञ

इस सारे विश्लेषण का मंतव्य ही यही है कि पूर्वाग्रहग्रसित होकर किसी की प्रशंसा या आलोचना के कुचक्र में न फंसें। इस समझ से जो संयम आएगा, वह हमारी सोच को संवारेगा और खुद अपने जीवन में सफलता की संभावनाओं को बढ़ाएगा। इस सारे विश्लेषण के बाद अब हम यह भी समझने की कोशिश करेंगे