कुलदीप नैयर

कुलदीप नैयर लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं यह सत्य है कि जब हामिद अंसारी पद पर थे, तब उन्हें इस तरह की आशंका जतानी चाहिए थी और अपना पद छोड़ देना चाहिए था। लेकिन इससे एक अन्य प्रकार का संकट पैदा हो गया होता और संविधान के विशेषज्ञों को इस समस्या को हल करना मुश्किल हो

कुलदीप नैयर लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं मैं यह कल्पना नहीं कर सकता कि हमारी संसद कश्मीर को आजाद करने के लिए कोई प्रस्ताव लाएगी। पाकिस्तान का मानना है कि कश्मीर उसके लिए जीवन रेखा के समान है। इसलिए मुझे लगता है कि इस समस्या का समाधान अगले 70 वर्षों में भी निकलने वाला नहीं है।

कुलदीप नैयर लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं सीबीआई ने सरकार की ओर से आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड, प्रणव राय, उनकी पत्नी राधिका और आईसीआईसीआई बैंक के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया है। सरकार को करन थापर व बरखा दत्त को तंग करने का कोई न कोई रास्ता मिल

कुलदीप नैयर लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं आज नहीं तो कल हिंदी को आने वाली पीढि़यां सीखेंगी। यहां तक कि दक्षिण के लोग भी महसूस करने लगे हैं कि हिंदी से किनारा करके समस्या का समाधान नहीं होगा, इसलिए उनके बच्चे हिंदी सीख रहे हैं। संभवतः मोदी सरकार भी महसूस करती है कि उसे चुप ही

कुलदीप नैयर लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं प्रणब मुखर्जी ने वक्त का तकाजा समझ लिया और घोषणा कर दी कि वह वर्ष 2014 का चुनाव नहीं लड़ेंगे। पहले से तैयार बैठी सोनिया गांधी ने इसे स्वीकृति दे दी क्योंकि वह राहुल गांधी का रास्ता पहले ही साफ कर चुकी थीं। मुखर्जी स्पष्टीकरण देने के लिए कुछ

कुलदीप नैयर लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं राष्ट्र भयाक्रांत दिख रहा है जो स्वाभाविक है, क्योंकि श्रद्धालु धार्मिक विश्वास की यात्रा पर थे। इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। जैसे-जैसे दिन गुजरे, दुर्भाग्य से पूरे धारावाहिक का राजनीतिकरण हो रहा है। भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लग रहे हैं। आरोप है कि उसे इस बात

कुलदीप नैयर कुलदीप नैय्यर  लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। सर्वाधिकारवाद और लोकतंत्र के बीच यही अंतर है। दुर्भाग्य से आज हिंदुत्व बनाम बहुलवाद के बीच संघर्ष है। व्यक्ति की निरंकुशता का स्थान अब विचारधारा की निरंकुशता लेती जा रही है। आज त्रासदी यह है कि जो लोग भारत के संघर्ष के लिए खपे, उनका कोई महत्त्व

कुलदीप नैयर लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। अमरीका के नए राष्ट्रपति के साथ अपनी पहली मुलाकात में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ी ही चतुराई के साथ ट्रंप कार्ड खेला। पहले केंद्र की सत्ता में मजबूती के साथ आना और अब जिस तरह से देश के विभिन्न राज्यों में पार्टी अपने पैर पसार रही है, यह

कुलदीप नैयर लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यदि हम भूतकाल पर नजर डालें तो यह स्पष्ट हो जाता है कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के बीच मतभेद होना सामान्य बात है। केवल डा. जाकिर हुसैन और फखरुद्दीन अली अहमद ने बिना किसी सार्वजनिक टकराव के अपना कार्यकाल पूरा किया। जाकिर हुसैन ने खुद को पढ़ाई-लिखाई के कार्यों