आस्था

उन्नति के मार्ग किसी के लिए प्रतिबंधित नहीं हैं। वे सबके लिए समान रूप से खुले हैं। परमात्मा के विधान में अन्याय अथवा पक्षपात की कोई गुंजाइश नहीं है। जो व्यक्ति अपने अंदर जितने अधिक गुण, जितनी अधिक क्षमता और जितनी अधिक योग्यता विकसित कर लेगा, उसी अनुपात में उतनी ही अधिक विभूतियों का अधिकारी बन जाएगा। असंख्यों बार यह परीक्षण हो चुके हैं कि दुष्टता किसी के लिए भी लाभदायक सिद्ध नहीं हुई। जिसने भी उसे अपनाया वह घाटे में रहा और वातावरण दूषित बना। अब यह परीक्षण आगे भी चलते रहने से कोई लाभ नहीं। हम अपना जी

प्रेम बढ़ता गया, बढ़ता ही गया। परंतु बुल्लेशाह के परिवार वालों को यह पसंद नहीं था। मिलने-जुलने वाले व संबंधी भी रोकने लगे और कहने लगे कि अरे तू (मुस्लमानों की ऊंची जाति) होकर अराईं जाति वाले व्यक्ति के पास जाता है। हमारा और उसका क्या मेल? वो छोटी जाति का है, तू ऊंची जाति का है। ये अच्छा नहीं है। तू वहां जाना छोड़ दे। अपने कुल को कलंकित न कर। अब बुल्लेशाह मुरशद के पास छुप-छुपकर जाने गले। परंतु यह बात छिपी नहीं रही।

श्लोक 11/21 में श्रीकृष्ण महाराज अर्जुन से कह रहे हैं कि निश्चय ही यह देवताओं के संघ आप में प्रवेश करते हैं। कोई-कोई डरे हुए हाथ जोडक़र स्तुति करते हैं, महर्षि और सिद्ध पुरुषों के समूह कल्याण होवे इस प्रकार कहकर श्रेष्ठ वेद मंत्रों द्वारा आपकी स्तुति करते हैं...

धर्मनिरपेक्ष शब्द किसी प्रतिबद्ध समूह के बजाय पूरी दुनिया को संकेत करता है। वह समूह चाहे किसी भी धर्म, जाति, कुल, संप्रदाय या विचारधारा को समर्पित हो। जीवन के एक धर्मनिरपेक्ष तरीके का मतलब एक व्यापक और समावेशी वैश्विक दृष्टिकोण है, जिसमें देश के संविधान की दृष्टि में वि

भारत चमत्कारों और विभिन्न आलौकिक मान्यताओं का देश है। भारत की भूमि पर स्वयं नारायण ने कई अवतार लिए, जिनमें से श्री कृष्ण का लीलावतार अत्यंत मनमोहक है। वैसे तो संपूर्ण भारत में ही भगवान श्री कृष्ण के परमावतार से जुड़े कई ऐसे स्थल और मंदिर हैं जो अत्यंत चमत्कारी हैं, लेकिन वृंदावन का ये चमत्कारी मंदिर बेहद खास है। भगवान के निज धाम वृंदावन में स्थित शाह जी का मंदिर इतना खास क्यों है और विशेष रूप से उस बसंती कमरे के रहस्य के विषय में जानिए, जो साल में केवल दो बार खुलता है।

जब से समाज की संरचना हुई है, तभी से रिश्तों की बड़ी अहमियत रही है। रिश्तों में पारिवारिक अंतरंग रिश्ते, निकट संबंधियों के, निकटतम मित्रों के, पड़ोसियों के रिश्ते, व्यावसायिक रिश्ते, सभी का अपना महत्त्वपूर्ण स्थान व योगदान है

* हल्दी तथा मलाई का मिश्रण बनाकर चेहरे पर दस मिनट लगाने के बाद ताजे पानी से धो लीजिए। इससे त्वचा साफ और कांतिमय होती है। * शहद में सफेद अंडा मिलाकर इसे चेहरे पर लगाएं और 20 मिनट बाद धो लीजिए। अगर त्वचा शुष्क है तो अंडे का पीला भाग तथा थोड़ा सा दूध

षटतिला एकादशी माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन काले तिलों के दान का विशेष महत्त्व है। शरीर पर तिल के तेल की मालिश, जल में तिल डालकर उससे स्नान, तिल जलपान तथा तिल पकवान की इस दिन विशेष महत्ता है। इस दिन तिलों का हवन करके रात्रि जागरण किया जाता है। ‘पंचामृत’ में तिल मिलाकर भगवान को स्नान कराने से बड़ा पुण्य मिलता है। षटतिला एकादशी पर तिल मि

प्रदोष व्रत अति मंगलकारी और शिव कृपा प्रदान करने वाला है। यह व्रत प्रत्येक महीने के कृष्ण व शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को रखा जाता है, इसलिए इसे वार के अनुसार पूजन करने का विधान शास्त्र सम्मत माना गया है। प्रत्येक वार के प्रदोष व्रत की पूजन विधि अलग-अलग मानी गई है। व्रती ब्रह्म मुहूर्त