आस्था

मेथी का सेवन करना हमारे अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। मेथी के बीज शुरू में हल्के से कड़वे जरूर होते हैं, लेकिन बीजो को भूनकर हम इसकी कड़वाहट को कम कर सकते है। मेथी में बहुत से विटामिन्स जैसे थायमिन, फॉलिक एसिड, राइबोफ्लेविन, नियासिन, आयरन, सेलेनियम, जिंक, मैगनीज और मैगनीशियम पाए जाते हैं।

स्वामी रामस्वरूप दूसरा अथर्ववेद मंत्र 10/7/9 का भाव है कि ईश्वर भूत, वर्तमान एवं भविष्य काल का द्रष्टा है। सदा रहने वाला, चेतन तत्त्व है। परमेश्वर में असीमित गुण एवं शक्ति विद्यमान है इसलिए उसको सर्वशक्तिमान कहते हैं। मनुष्य की बुद्धि सीमित गुण वाली है… गतांक से आगे… इसी वेद मंत्र के भाव को ब्रह्मवस्था

भारत में हर साल करीब 3.7 लाख बच्चों की मौत निमोनिया से होती है। ये संख्या दुनियाभर में निमोनया से होने वाली मौतों का करीब पांच फीसदी है। निमोनिया एक रेस्पिरेटरी डिसऑडर है, जिसके कारण फेफड़ों के एयर सैक में सूजन आ जाती है। इन एयर सैक को आमतौर पर एल्वियोली के रूप में जाना

सर्दियों में ठंडी हवाओं के कारण चेहरे की नमी खोने लगती है और चेहरा रूखा और बेजान होने लगता है। यदि आप भी इस समस्या से निपटना चाहते हैं, तो आपको केमिकल प्रोडक्ट से दूर रहना चाहिए। इस मौसम में चेहरे को ठंड की मार से बचाने के लिए आपको कुछ घरेलू उपचारों पर ध्यान

स्किपिंग कोई नया या आज के दौर का व्यायाम नहीं है, बल्कि सालों से चला आ रहा है। अकसर लड़कियां बचपन में रस्सी कूदने का खेल खेला करती हैं, लेकिन रस्सी कूदना महज एक खेल ही नहीं, बल्कि  एक मजेदार कसरत भी है। सबसे अच्छी बात यह है कि यह दिन के किसी भी समय

श्री रामानुजचार्य के गुरु हुए हैं श्री यामुनाचार्य। दक्षिण के तेरुंकुदूर क्षेत्र में रहने वाले यह आचार्य केशव भट्ट के पुत्र थे। अभी बालक ही थे कि पिता का साया सिर से उठ गया। उस समय इनके गुरु थे यादव प्रकाश, जो कांची में रहते थे। अध्ययन के समय गुरु द्वारा की गई व्याख्या में

विघ्नहर्ता भगवान गणेश की सर्वप्रथम पूजा के बाद ही अन्य देवी-देवताओं की पूजा अर्चना की जाती है। भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को जन्मे भगवान गणेश एकदंत और चतुर्बाहु हैं। अपने चारों हाथों में वे क्रमशः पाश, अंकुश, मोदकपात्र तथा वरमुद्रा धारण करते हैं। वे रक्तवर्ण, लंबोदर, शूर्पकर्ण तथा पीत वस्त्रधारी हैं। वे रक्त चंदन धारण करते

देखा जाए, तो इंफ्लेमेशन दो तरह की होती है एक जिसे बाहरी सूजन कहा जा सकता है और दूसरी अंदरूनी सूजन। यह दोनों तरह की सूजन या इंफ्लेमेशन अलग-अलग है। बाहरी सूजन किसी संक्रमण या कीड़े-मकोड़े के काटने से होती है, जबकि अंदरूनी सूजन आपकी जीवनशैली की आदतों और आपके खान-पान से हो सकती है…

* लोग चाहे मुट्ठीभर हों, लेकिन अपने संकल्पवान हों, अपने लक्ष्य में दृढ़ आस्था हो वे  इतिहास को भी बदल सकते हैं *क्रोध में मनुष्य अपने मन की बात कहने की बजाय दूसरों के हृदय को ज्यादा दुखाता है * जब मन में सच जानने की जिज्ञासा पैदा हो जाए, तो दुनिया की चीजें अर्थहीन