आस्था

माना जाता है कि चित्रकूट में आज भी हनुमान जी वास करते हैं, जहां भक्तों को दैहिक और भौतिक ताप से मुक्ति मिलती है। चित्रकूट का आध्यात्मिक रूप से भी बड़ा महत्त्व है। कहते हैं कि चित्रकूट में ही भगवान राम ने तुलसीदास को दर्शन दिए थे और यह संभव हुआ था हनुमान जी की

बागनाथ मंदिर, भारत के उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में स्थित एक प्राचीन शिव मंदिर है। यह उत्तर भारत में एक मात्र  प्राचीन शिव मंदिर है, जो कि दक्षिण मुखी है, जिसमें शिव शक्ति की जलहरी पूरब दिशा को है । यहां शिव-पार्वती एक साथ स्वयंभू रूप में जलहरी के मध्य विद्यमान हैं… भगवान शिव के

कालाष्टमी अथवा काला अष्टमी का हिंदू धर्म में बड़ा ही महत्त्वपूर्ण स्थान है। प्रत्येक माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दौरान इसे मनाया जाता है। कालभैरव के भक्त वर्ष की सभी कालाष्टमी के दिन उनकी पूजा और उनके लिए उपवास करते हैं। सबसे मुख्य कालाष्टमी, जिसे कालभैरव जयंती के नाम से जाना जाता

कोरोना को लेकर लोगों में इतनी ज्यादा दहशत है कि लोग अपने घरों से बाहर निकलने से पहले और जरूरी कामों के लिए भी जाने से पहले सौ दफा सोच रहे हैं कि कहीं कोरोना इन्फेक्शन होने का खतरा तो नहीं है। इस संक्रमण से दूर रहने के लिए लोग हर छोटी-छोटी चीजों पर एहतियात

कोरोना वायरस पर लगातार रिसर्च जारी है और रोज कुछ न कुछ नया पता चल रहा है। अब तक कोरोना वायरस दुनियाभर में लाखों से ज्यादा लोगों को संक्रमित कर चुका है और लोगों की जान भी ले चुका है। भारत में भी इस वायरस की चपेट में अब लगातार इजाफा हो रहा है और

सद्गुरु  जग्गी वासुदेव आप कभी भी सुख को स्थायी नहीं बना सकते, ये आपके लिए हमेशा कम पड़ते हैं, किंतु आनंदित होने का अर्थ है कि यह किसी भी चीज पर निर्भर नहीं है। सुख हमेशा किसी वस्तु या व्यक्ति पर निर्भर करता है। आनंद का कुआं अपने भीतर खोदना होगा। आनंद किसी पर निर्भर

महिलाएं होम मेकर हों या कामकाजी हों, गर्मी में दोनों को हाइड्रेशन मेंटेन करना बहुत जरूरी है यानी पानी खूब पिएं। ठंडे पदार्थ जैसे जौ, चावल आदि को अपने भोजन में शामिल करें। इनमें पोषक तत्त्व भी भरपूर होते हैं। गर्म पदार्थ जैसे कि मांसाहारी भोजन, अंडे, गर्म मसाला, तली हुई पूडि़यां वगैरह एवॉयड करें।

श्रीश्री रवि शंकर हमारे भीतर कुछ ऐसा है जो कभी नहीं बदलता और हम सबने कभी न कभी किसी न किसी रूप में इसका अनुभव किया है। यदि हम अपने इस कभी न बदलते हुए स्वरूप की ओर केंद्रित होंगे, तो फिर ज्ञान का भोर होगा कि हम सब शाश्वत हैं और हम सब यहां

कोरोना वायरस के लगातार बदलते संकेतों ने लोगों को इस बात को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि छोटी से छोटी परेशानी उन्हें गंभीर रोग का शिकार बना सकती है। कोरोना के बदलते लक्षणों ने लोगों के माथे पर शिकन ला दी है। लोग हल्के-फुल्के लक्षण को भी कोरोना समझ रहे हैं। कोरोना के