आस्था

* क्रोध में बोला एक कठोर शब्द इतना जहरीला हो सकता है कि आपकी हजार प्यारी बातों को एक मिनट में नष्ट कर सकता है * पक्षी कभी अपने बच्चों को भविष्य के लिए घौंसला बनाकर नहीं देते, वे तो बस उन्हें उडऩे की कला सिखाते हैं * मनुष्य स्वयं ही अपने कर्मों द्वारा जीवन

हमारे शरीर में कई तरह के हार्मोंस होते हैं। हार्मोंस में होने वाला बदलाव आपके मूड को प्रभावित करता है। हार्मोंस के संतुलन में थोड़ी सी भी गड़बड़ी का असर फौरन हमारी भूख, नींद और तनाव के स्तर पर दिखने लगता है। शरीर के सभी अंगों में परिवर्तन का एक बड़ा कारण हार्मोंस असंतुलन होता

बदलती लाइफस्टाइल और खान-पान की वजह से लोगों का शरीर कमजोर होने लगा है। ऐसे में कम उम्र में ही लोगों को जोड़ों का दर्द सताने लगा है। वजन बढऩे, यूरिक एसिड की समस्या होने या ज्यादा देर तक खड़े रहने से ये समस्या और बढ़ जाती है। ऐसे में उठने-बैठने में भी परेशानी होने

श्रीराम शर्मा गीता में मानस तप के प्रकरण में एक सूत्र वाक्य आया है, वह है मौनमात्म विनिग्रह: भाव संशुद्धिरित्येतत्तपो मानस: उच्यते। अर्थात मन को शुद्ध करने के लिए मानसिक तप की आवश्यकता होती है। मानसिक तप का प्रधान अंग मौनव्रत है। उपनिषदों में ‘अवाकी’ शब्द मौनव्रत को प्रकाश देता है। धर्मशास्त्र में कर्मांग में

ओशो संन्यास मेरे लिए त्याग नहीं, आनंद है। संन्यास निषेध भी नहीं है, उपलब्धि है, लेकिन आज तक पृथ्वी पर संन्यास को निषेधात्मक अर्थों में ही देखा गया है। त्याग के अर्थों में, छोडऩे के अर्थों में, पाने के अर्थ में नहीं। मैं संन्यास को देखता हूं पाने के अर्थ में। निश्चित ही, जब कोई

स्वामी विवेकानंद गतांक से आगे… भारत की महान विभूतियों में स्वामी विवेकानंद का नाम अग्रणी है। उनका नाम आंखों के सामने आते ही एक ऐसा चित्र उभरता है, जिसकी तुलना करना कठिन है। उनका भौतिक शरीर दिव्य था। उनकी पुष्ट काया तेज से भरपूर थी। उनका चौड़ा माथा पूरे भारत के सुवर्ण भाग्य के लेख

ह्ल तैलीय त्व्चा के लिए एक चम्मच मुलतानी मिट्टी में गुलाबजल मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को चेहरे पर लगाकर आधा घंटे बाद साफ पानी से चेहरा धो लें। ह्ल त्वचा की टैनिग दूर करने के लिए एक चम्मच टमाटर का रस और एक चम्मच दही मिलाकर चेहरे पर 30 मिनट लगाएं और धो

-गतांक से आगे... दैत्यदर्पविनाशी च गरुड़ो गरुडाग्रज:। गोपीनाथो महीनाथो वृन्दानाथोवरोधक:॥ 53॥ प्रपंची पंचरूपश्च लतागुल्मश्च गोपति:। गंगा च यमुनारूपो गोदा वेत्रवती तथा॥ 54॥ कावेरी नर्मदा तापी गण्दकी सरयूस्तथा। राजसस्तामस: सत्त्वी सर्वांगी सर्वलोचन:॥ 55॥ सुधामयोमृतमयो योगिनीवल्लभ: शिव:। बुद्धो बुद्धिमतां श्रेष्ठोविष्णुर्जिष्णु: शचीपति:॥ 56॥ वंशी वंशधरो लोको विलोको मोहनाशन:। रवरावो रवो रावो बालो बालबलाहक:॥ 57॥ शिवो रुद्रो नलो नीलो लांगुली लांगुलाश्रय:। पारद: पावनो हंसो हंसारूढ़ो जगत्पति:॥ 58॥ -क्रमश:

प्रदेश के पांच शक्तिपीठों में श्रावण अष्टमी नवरात्र मेले के पहले दिन 55 हजार श्रद्धालुओं ने मइया के चरणों में शीश नवाया। गुरुवार को दिनभर प्रदेश के शक्तिपीठों में मइया के जयकारे गूंजते रहे। मां के दर्शनों के लिए मंदिर में श्रद्धालुओं की लंबी लाइनें लगी रही। प्रदेश के पांच शक्तिपीठों में चिंतपूर्णी, ज्वालाजी, नयनादेवी, बज्रेश्वरी देवी, चामुंडा देवी मंदिर में 55 हजार 200 श्रद्धालुओं ने माथा टेका। श्रा