दखल

हिमाचल प्रदेश की जयराम सरकार का एक साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है। इस दौरान मुख्यमंत्री और उनकी टीम ने कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं। सरकार की जनमंच जैसी पहल से लोग सबसे अधिक खुश हैं। जनमंच के जरिए अब लोगों की शिकायतें तुरंत दूर होने लगी हैं।  सरकार की कामयाबी के पीछे

हिमाचल   प्रदेश की जयराम सरकार का एक साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है। इस दौरान मुख्यमंत्री और उनकी टीम ने कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं। सरकार की जनमंच जैसी पहल से लोग सबसे अधिक खुश हैं। जनमंच के जरिए अब लोगों की शिकायतें तुरंत दूर होने लगी हैं। यही नहीं, कार्यक्रम के जरिए

नए साल का जश्न मनाने के लिए हिमाचल हर साल सैलानियों की पहली पसंद होता है। जश्न के लिए पर्यटक कई दिन पहले ही होटल आदि की बुकिंग करवा लेते हैं। इस बार भी प्रदेश में नजारा ऐसा ही दिखा। नववर्ष के उल्लास को दखल के जरिए पेश कर रहे हैं… आरपी नेगी, टेकचंद वर्मा,

जयराम सरकार के एक साल की कामयाबी में प्रदेश के अफसरों के ईमानदारप्रयास शामिल हैं। मनीषा नंदा हों या राम सुभग, फिर डीसी राणा या विनय सिंह, डा. अरुण, या अनिल खाची, हिमाचल सरकार को इन काबिल अफसरों पर नाज है। दखल के इस अंक में प्रदेश के होनहार अधिकारियों की अनकही कहानी पेश कर रहे

जन आभार रैली में प्रधानमंत्री से तारीफ पाने वाली जयराम सरकार की कामयाबी के पीछे उन अफसरों का भी कम हाथ नहीं, जो चुटकी बजाते ही 5जी की स्पीड से हर काम ओके कर देते हैं। बात बीके अग्रवाल की हो या फिर श्रीकांत बाल्दी की, रामसुभग हों या आरडी धीमान…सरकारी मशीनरी के ये वे

एक साल पहले हिमाचल में सत्ता परिवर्तन और जयराम ठाकुर के रूप में सीएम का नया चेहरा सामने आने से लोगों की उम्मीदें भी बढ़ गईं। एक साल के सफर में प्रदेश सरकार लोगों की कसौटी पर कितना खरा उतर पाई, कौन से ऐसे क्षेत्र हैं, जहां सरकार जनमानस की अपेक्षाओं को पूरा नहीं कर

मंडी शहर की स्थापना 1527 ईस्वी में राजा अजबर सेन ने की थी।  शहर प्रदेश के सबसे प्राचीन नगरों में से एक है, लेकिन दुखद यह है कि यह शहर न तो अपनी प्राचीन विरासत को सही तरह से समेट रख सका  और न ही एक आधुनिक शहर बन पाया है। बेतरतीब निर्माण की मार,

दुनिया को  पवित्र ज्योति से निहाल करने वाली मां ज्वाला की नगरी अब भीड़ का शहर दिखती है। यहां रास्ते-ट्रैफिक, पानी-प्लानिंग समय की बहुत बड़ी जरूरत हैं , कुछ ऐसे ही मुद्दों को दखल के जरिए उठा रहे हैं… शैलेष शर्मा विश्वविख्यात शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी मंदिर  में आने वाले यात्रियों को बुनियादी सुविधाएं पानी, बिजली,

4448 एकड़ में फैली कांगड़ा नगरी के नगर परिषद क्षेत्र के नौ वार्डों की जनसंख्या मौजूदा समय में करीब 18000 है ,जबकि इसके आसपास लगती पंचायतों हलेड़कला, बीरता व जोगीपुर के अधिकांश इलाके का शहरीकरण हो चुका है ,लेकिन यह इलाके नगर परिषद से बाहर हैं । कांगड़ा नगर परिषद क्षेत्र में ही मौजूदा समय में करीब अढ़ाई हजार मकान व 11 सौ दुकानें  मौजूद हैं। वर्ष 1955 में