दखल

महिला दिवस पर विशेष चूल्हे-चौके की दुनिया से निकलकर आज हिमाचली बेटियां कामयाबी के फलक को छू रही हैं। बस से लेकर हवाई जहाज तक सफर करवाने में हिमाचली बेटियां भी किसी से कम नहीं हैं। कोई साइंटिस्ट बनकर विज्ञान की दुनिया में छाई है, तो कोई पायलट है। कोई डाक्टर है, तो कोई सेना

एजुकेशन में अव्वल हिमाचल में शिक्षा बोर्ड की सालाना परीक्षाएं सिर पर हैं। दूसरे राज्यों के उलट इस पहाड़ी प्रदेश में पासिंग मार्क्स की जगह छात्रों पर मैरिट में आने का प्रेशर रहता है। साथ ही शिक्षा बोर्ड की तैयारियों पर भी हर किसी की पैनी नजर रहती है। आखिर कैसे इन परीक्षाओं से पार

बुशहर रियासत की आखिरी राजधानी रामपुर आज शिक्षा के क्षेत्र में सफलता के झंडे गाड़ रही है। शिमला का यह कस्बा क्वालिटी एजुकेशन देने में माहिर है। लाखों छात्रों का भविष्य संवारने में अहम योगदान दे रहा रामपुर बुशहर आज एजुकेशन हब बनकर उभरा है। यहां के स्कूलों ने ऐसी क्रांति लाई कि शिक्षा के

ऐतिहासिक शहरों में शुमार नूरपुर आज शिक्षा के क्षेत्र में नाम कमा रहा है। कांगड़ा जिला का यह शहर क्वालिटी एजुकेशन देने में माहिर है। लाखों छात्रों का भविष्य संवारने में अहम योगदान दे रहा यह शहर आज एजुकेशन हब बनकर उभरा है। यहां के स्कूलों ने ऐसी क्रांति लाई कि शिक्षा के साथ-साथ खुले

सुकेत रियासत के नाम से प्रख्यात सुंदरनगर आज शिक्षा का हब बनकर उभरा है। लाखों छात्रों का भविष्य संवारने में अहम योगदान दे रहे मंडी जिला के इस शहर के स्कूलों ने शिक्षा जगत में ऐसी क्रांति लाई कि एजुकेशन के साथ-साथ खुले रोजगार के दरवाजों से प्रदेश ने तरक्की की राह पकड़ ली। हिमाचली

छात्र प्रदेश के हों या बाहरी राज्यों के! हिमाचल में कोई पढ़ाई करना चाहता है, तो सबसे पहली च्वाइस है शिमला। हिमाचल के साथ-साथ देश-विदेश के लाखों छात्रों का भविष्य संवारने में अहम योगदान दे रही राजधानी आज एजुकेशन हब बनकर उभरी है। ब्रिटिशकाल से चल रहे इन संस्थानों ने ऐसी क्रांति लाई कि शिक्षा

साठ के दशक में भाखड़ा बांध निर्माण के लिए सब कुछ बलिदान करने वाला बिलासपुर आज खेल के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी अग्रणी बनने की ओर अग्रसर है। लाखों छात्रों का भविष्य संवारने में अहम योगदान दे रहा यह शहर आज एजुकेशन हब बनकर उभरा है। बिलासपुर के स्कूलों ने ऐसी क्रांति लाई

गांवों में बसे हिमाचल की सुबह कभी बैलों के गले में खनकती घंटिंयों से होती थी, लेकिन आज प्रदेश का स्मार्ट किसान-बागबान पूरे देश को आय दोगुनी करने का मंत्र देने की कुव्वत रखता है। इस कामयाबी का एक बड़ा कारण डा. यशवंत सिंह परमार बागबानी एवं वानिकी विश्विद्यालय, नौणी के वे शोध हैं, जिनसे

सरहदों को जवान, बॉलीवुड को सितारे और कई प्रदेशों को मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री देने देने वाले कसौली ने क्वालिटी एजुकेशन में डंका बजाया है। लाखों छात्रों का भविष्य संवारने में अहम योगदान दे रही सोलन की पर्यटन नगरी कसौली एजुकेशन हब बनकर भी उभरी है। कसौली के स्कूलों ने ऐसी क्रांति लाई कि शिक्षा के साथ-साथ खुले