संपादकीय

चुनाव आयोग के शिविर में हिमाचल पर दृष्टिपात अब करीब-करीब पूरा हो चुका है। प्रबंधों की बारीकियों और चुनावी तैयारियों का जायजा लेकर आयोग यह सुनिश्चित कर रहा है कि कब घंटी बजा दी जाए। दूसरी ओर नागरिक जागरूकता का नया इतिहास बनाने को आतुर हिमाचल की पलकों पर लोकतांत्रिक इच्छाशक्ति सवार। ऐसे में प्रदेश

जाहिर तौर पर एम्स जैसे संस्थान का शिलान्यास भी इलाज कर सकता है, इसलिए चुनाव की बिसात पर बिछे मुद्दे अब दीवारों पर लिखे जा रहे हैं। देश के प्रधानमंत्री की चुनावी सौगात बिलासपुर में कितना सियासी अमृत पिलाती है, इससे पहले यह गौर करना होगा कि इस मील पत्थर का राजनीतिक अर्थ क्या होगा।

नरेंद्र मोदी के देश की सत्ता में आने और भाजपा की कुछ अविश्वसनीय सी चुनावी जीतों के बाद एक राजनीतिक मुहावरा चलन में आया था-कांग्रेसमुक्त भारत। प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत अधिकतर भगवा नेताओं ने इसे प्रचार का मुद्दा बनाया और राष्ट्रीय विकल्प के तौर पर भाजपा को पेश किया। भाजपा की

आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान कब तक अंतरराष्ट्रीय तमाचे खाता रहेगा? कब तक बेनकाब होकर भी झूठ बोलता रहेगा? बीते साल भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना ही आतंकी देशों को चिह्नित करने का आग्रह किया था, लेकिन इस बार पाकिस्तान का बार-बार नाम लेकर संवेदनशील सवाल उठाए। संयुक्त

ऐसी शिकायत में युवा चरित्र की अभिलाषा और मकसद को समझ लें, तो धर्मशाला का जिला पुस्तकालय भी एक संस्थान के मानिंद भविष्य की बुनियाद का पैरोकार नजर आएगा। उपर्युक्त पुस्तकालय को अपना अध्ययन केंद्र मानने वालों के लिए सुविधाओं का अकाल अखरता है, तो इस दर्द को समझना होगा। यह पहला अवसर है जब

अमित शाह की कांगड़ा रैली में जोश था-रोष था, टिकटों की बेचैनी, लेकिन घूंघट खामोश था।  यानी अगर इसे भाजपा की हुंकार की तरह देखें तो पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ खड़ा किया। सत्ता को परवान चढ़ाने की राह पर शाह की कांगड़ा

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी देश की सबसे घोर सांप्रदायिक नेता हैं। हिंदू होते हुए भी वह हिंदुओं के लिए ‘सौतेली मां’ हैं। कोलकाता उच्च न्यायालय के एक फैसले ने हमारी इस धारणा की पुष्टि की है। अदालत ने मुख्यमंत्री के उस फरमान को रद्द कर दिया है, जिसमें मुहर्रम के लिए दुर्गा मूर्ति

राहुल गांधी भारतीय हैं। भारतीय संसद के लोकसभा सदन में सांसद हैं। उनका संसदीय क्षेत्र अमेठी भी भारत के उत्तर प्रदेश में है। राहुल भारत की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। यदि वह प्रधानमंत्री बनने के सपने देख रहे हैं, तो वह सपना भी भारत में ही साकार होगा। जिस विपक्षी एकता

हक और हुजूम के बीच भाजपा की कांगड़ा रैली में परख उन मुद्दों की, जो हिमाचल को अलग सांचे की सियासत में देखते हैं। चुनावी हुंकारे का सबसे बड़ा प्रदर्शन करके भाजपा अपने संगठन की ताकत का इजहार कर रही है, तो समझना यह होगा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के तेवर कांग्रेस को कितना