हिमाचल फोरम

कहने को तो शिमला हिमाचल प्रदेश की राजधानी है, लेकिन यहां लोगों की परेशानियों भी कम नहीं हैं। शहर कंकरीट के जंगल में बदल गया है। यहां हुआ बेतरतीब निर्माण ने भी कई दिक्कतें खड़ी कर दी हैं। लोगों को कई-कई दिन पानी नहीं मिलता है। हर मोड़ पर लगता जाम भी लोगों के सब्र

 दाड़लाघाट —ग्राम पंचायत दानोंघाट के गांव सेरी व कजयारा में पिछले 20 दिन से पेयजल आपूर्ति ठप होने से पानी के लिए हाहाकार मची हुई है। लोगों में इस बात को लेकर रोष है कि पिछले बीस दिन से वे पेयजल संकट से जूझ रहे हैं और पानी की आपूर्ति नाममात्र भी नहीं हो रही

राजधानी शिमला में वीवीआईपी मूवमेंट के चलते जहां शहर के कुछ लोग खुश हैं। वहीं, अधिकांश इससे होने वाली परेशानियों से खफा भी हैं। लोग जहां तक एक तरफ यह मानते हैं कि वीवीआईपी के आने से शहर की बदहाल व्यवस्था में निखार आता है। वहीं, उनका यह भी मानना है कि इससे आम जनता

‘सेव एन्वायरनमेंट, सेव लाइफ’ विषय पर प्रदेश के अग्रणी मीडिया गु्रप नौनिहालों में करवाएगा कंपीटीशन प्रदेश का अग्रणी मीडिया समूह ‘दिव्य हिमाचल’ पिछले कई सालों से पांवटा साहिब में स्कूली बच्चों को विभिन्न ज्वलंत विषयों पर जागरूक कर रहा है। ‘दिव्य हिमाचल’ हर साल पांवटा साहिब के करीब एक दर्जन से अधिक निजी व सरकारी

राजधानी शिमला में वीवीआईपी मूवमेंट के चलते जहां शहर के कुछ लोग खुश हैं। वहीं, अधिकांश इससे होने वाली परेशानियों से खफा भी हैं। लोग जहां तक एक तरफ यह मानते हैं कि वीवीआईपी के आने से शहर की बदहाल व्यवस्था में निखार आता है। वहीं, उनका यह भी मानना है कि इससे आम जनता

ताजातरीन कसौली गोलीकांड से सुर्खियों में आई अवैध कब्जा हटाओ मुहिम एकाएक मुद्दा बन गई है। हर प्रदेश, हर जिला और हर जगह अवैध कब्जे की यह फेहरिस्त काफी लंबी है। इस पर कार्रवाई की बात तो होती रहती है, पर असल में एक्शन होता नहीं।  अब आम आदमी अवैध कब्जों पर बेबाकी से कार्रवाई

अवैध निर्माण को रोकने के लिए सरकार को ठोस निती बनानी होगी।  टीसीपी के नियम तो बना दिए गए, लेकिन सरकार इन नियमों को पूर्ण रूप से लागू करवाने में विफल रही है। यही वजह है कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में धड़ल्ले से अवैध निर्माण अभी भी जारी है। समय रहते यदि अवैध निर्माण

ताजातरीन कसौली गोलीकांड से सुर्खियों में आई अवैध कब्जा हटाओ मुहिम एकाएक मुद्दा बन गई है। हर प्रदेश, हर जिला और हर जगह अवैध कब्जे की यह फेहरीस्त काफी लंबी है। इस पर कार्रवाई की बात तो होती रहती है, पर असल में एक्शन होता नहीं। अब आम आदमी अवैध कब्जों पर बेबाकी से कार्रवाई

ऊना शहर अतिक्रमण की मार के चलते सिकुड़ता जा रहा है। इससे शहर की सुंदरता पर भी ग्रहण लग रहा है। शहर में अधिकतर दुकानदारों द्वारा अतिक्रमण को बढ़ावा दिया जा रहा है। ऊना शहर के ऊना-हमीरपुर रोड, ऊना-नंगल रोड़, ऊना-अंब रोड पर अतिक्रमण देखा जा सकता है। हालांकि अतिक्रमण हटाने को लेकर जिला प्रशासन,