हिमाचल फोरम

 साहित्यकार अपने लेखन के लिए अपने आसपास के परिवेश और समाज से प्रेरणा लेता है। साहित्य को समाज का दर्पण कहा जाता है। वहीं, हिमाचली साहित्यकारों, लेखकों और कवियों से आज की युवा पीढ़ी भी प्रेरणा लेना चाहती है। साहित्य को अपने रग-रग में  बसाना चाहती है। ‘दिव्य हिमाचल’ के साहित्य पर पूछे गए प्रश्नों

पोस्ट ग्रेजुएट कालेज हमीरपुर में आम छात्र लड़ाई-झगड़े से खासे परेशान हैं। छात्र संगठनों के झगड़े में आम छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही है। छात्र चाहकर भी कालेज में कक्षाएं नहीं लगा पा रहे हैं। ‘दिव्य हिमाचल ’ ने जब आम छात्रों से उनकी राय जानी, तो सभी छात्रों के इस तरह के विचार

स्कूलों में 26 जून से बच्चों को अवकाश हो रहा है। अवकाश को लेकर बच्चे उत्साहित हैं, लेकिन इस समय होने वाली छुट्टियों को लेकर शिक्षक संघ तथा अभिभावक उपयुक्त समय नहीं मान रहे है। शिक्षकों तथा अभिभावकों का कहना है कि न तो यह समय ग्रीष्मकालीन है तथा न ही बारिश का सीजन है,

युवाओं ने हिमाचल में मौका मिलने पर भ्रष्टाचार व बेरोजगारी को जड़ से खत्म करने की बात कही है, तो वहीं क्वालिटी एजुकेशन पर अधिक फोक्स करने के विचार भी सांझा किए हैं । इसी पर ऊना की राय जान रहा है प्रदेश का अग्रणी  मीडिया ग्रुप ‘दिव्य हिमाचल’ …..  मनोज कुमार- बंगाणा राष्ट्रहित के

संसाधनों के बावजूद पहाड़ी जिला पिछड़ रहा है। यही सबसे बड़ी विडंबना है। चंबा के लिए प्रस्तावित सुरंग, सीमेंट, एवं रज्जू मार्ग जैसे कई बड़े प्रोजेक्टस पर कई दफा भोलीभालि जनता को गुमराह किया है। यह कहना है कि चंबा के बिजनेस मैन कुलदीप शर्मा का। उन्होंने कहा कि चंबा मंे यातायात सहित अन्य तरह

युवाओं ने हिमाचल में मौका मिलने पर भ्रष्टाचार व बेरोजगारी को जड़ से खत्म करने की बात कही है, तो वहीं क्वालिटी एजुकेशन पर अधिक फोक्स करने के विचार भी सांझा किए हैं । इसी पर चंबा की राय जान रहा है प्रदेश का अग्रणी  मीडिया ग्रुप ‘दिव्य हिमाचल’ …..        हामिद खान, चंबा हर व्यक्ति

 चचियां की हसीन वादियों में सेना की छावनी बनाए जाने का मामला करीबन एक वर्ष से लटका पड़ा है ।  हालांकि अब गृह मंत्रालय ने इसकी स्टेटस रिपोर्ट मांगी है । गृह मंत्रालय की तरफ से छावनी के निर्माण के लिए 88 हेक्टेयर जमीन मांगी गई है।  इस जमीन का लैंड यूज एक्ट  बदला जा

चचियां  की हसीन वादियों में सेना की छावनी बनाए जाने का मामला तकरीबन एक वर्ष से लटका पड़ा है ।  हालांकि अब गृह मंत्रालय ने इसकी स्टेटस रिपोर्ट मांगी है । गृह मंत्रालय की तरफ से छावनी के निर्माण के लिए 88 हेक्टेयर जमीन मांगी गई है।  इस जमीन का लैंड यूज एक्ट  बदला जा

लोकसभा चुनावों की रणभेरी बजते ही सियासी पारे मंे आया उछाल हिमाचल मंे भी चढ़ता जा रहा है। सियासी दलों के साथ-साथ टिकट के कुछ चाह्वान जाति को मुद्दा बनाकर चुनावी समर मंे उतरने का दम भर रहे हैं। पर क्या जाति की बैसाखियों के सहारे विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की पगडंडियों पर चलना