हिमाचल फोरम

भारत के महापर्व लोकसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है। इस महापर्व में हिमाचल के मतदाता 19 मई को आहुति डालेंगे, लेकिन महापर्व में जाति, धर्म, संप्रदाय की आड़ लिए इसे खूब खंडित भी किया जाता है। ऐसा कोई मौका नहीं, जब राजनीतिक दल जाति के समीकरण नहीं देखते। चुनावों में जातिवाद पर जब ‘दिव्य

भारत के महापर्व लोकसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है। इस महापर्व में हिमाचल के मतदाता 19 मई को आहुति डालेंगे, लेकिन महापर्व में जाति, धर्म, संप्रदाय की आड़ लिए इसे खूब खंडित भी किया जाता है। ऐसा कोई मौका नहीं, जब राजनीतिक दल जाति के समीकरण नहीं देखते। चुनावों में जातिवाद पर जब ‘दिव्य

लोकसभा चुनावों की रणभेरी बजते ही सियासी पारे मंे आया उछाल हिमाचल मंे भी चढ़ता जा रहा है। सियासी दलों के साथ-साथ टिकट के कुछ चाह्वान जाति को मुद्दा बनाकर चुनावी समर मंे उतरने का दम भर रहे हैं। पर क्या जाति की बैसाखियों के सहारे विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की पगडंडियों पर चलना

लोकसभा चुनावों की रणभेरी बजते ही सियासी पारे में आया उछाल हिमाचल में भी चढ़ता जा रहा है। सियासी दलों के साथ-साथ टिकट के कुछ चाह्वान जाति को मुद्दा बनाकर चुनावी समर में उतरने का दम भर रहे हैं। पर क्या जाति की बैसाखियों के सहारे विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की पगडंडियों पर चलना

लोकसभा चुनावांे की रणभेरी बजते ही सियासी पारे मंे आया उछाल हिमाचल मंे भी चढ़ता जा रहा है। सियासी दलों के साथ-साथ टिकट के कुछ चाह्वान जाति को मुद्दा बनाकर चुनावी समर मंे उतरने का दम भर रहे हैं। पर क्या जाति की बैसाखियों के सहारे विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की पगडंडियों पर चलना

सोलन के लोग मौका मिलने पर हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक व प्रशासनिक सहित अन्य क्षेत्रों में परिवर्तन लाना चाहते हैं। किसानों से लेकर समाज के हर वर्ग की आवाज उठाने को लोग बेताब हैं। नशे के दलदल में धंस रही युवा पीढ़ी को बचाने के लिए कठोर कदम उठाना चाहते हैं। भ्रष्टाचार को

प्रदेश में किसी भी सेक्टर में मौका मिले तो हमारे युवा बदलाव लाने के लिए तैयार हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य सहित अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में काम करने का मौका मिले तो बेहतर परिवर्तन लाने का संकल्प ले रहे हैं। ‘दिव्य हिमाचल की हिमाचल फोरम’ पहल के तहत शिमला के इन युवाओं ने हुंकार भरते हुए कहा

युवाओं ने हिमाचल में मौका मिलने पर भ्रष्टाचार व बेरोजगारी को जड़ से खत्म करने की बात कही है, तो वहीं क्वालिटी एजुकेशन पर अधिक फोक्स करने के विचार भी सांझा किए हैं । इसी पर कांगड़ा की राय जान रहा है प्रदेश का अग्रणी  मीडिया ग्रुप ‘दिव्य हिमाचल’ ….. विनोद कुमार, धर्मशाला पर्यटन विकास-विद्युत

शिमला में दिन भर बजट पर आकलन जारी रहा। किसी ने इसे जनता का हितैषी बताया तो किसी ने विरोधी। कई लोगों को लगा कि बजट में हर वर्ग का ख्याल रखा गया है, जबकि कइयों ने इसमें खामियां गिनाईं। किसने, क्या कहा बता रहीं हैं स्टाफ रिपोर्टर, दीपिका शर्मा टैक्स में राहत देना अच्छा