विचार

( स्वास्तिक ठाकुर, पांगी, चंबा ) अमरीका में भारतीयों के खिलाफ ‘हेट क्राइम’ के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। एक ऐसे दौर में जबकि भारत-अमरीका आपसी संबंधों को एक नए शिखर पर ले जाने को उत्सुक हैं, ये हमले चिंतनीय ही माने जाएंगे। हालिया हमले में एक अमरीकी ने भारतीय मूल के दीप

( अक्षित, आदित्य, तिलक राज गुप्ता, रादौर, हरियाणा ) अमरीका की एक संस्था हैल्थ इफेक्ट इंस्टीच्यूट की भारत में वायु प्रदूषण की स्थिति पर जारी हुई रिपोर्ट दो संदर्भों में चौकाने वाली है। पहला यह कि हमारी वायु में घातक पार्टिकुलेट मैटर 2.5 कणों की मात्रा बढ़ रही है। दूसरा यह कि वायु प्रदूषण से

( जग्गू नौरिया, जसौर, नगरोटा बगवां ) पेपर का दौर चला, मुंह चिढ़ाती नकल खूब बोली, शिक्षक देखो कहार हुए, नकल की उठाए डोली। हौवा बनी व्यवस्था, फलाइंग करे आंख-मचौनी, पर्चियां पकड़ लीं, पर केस फाइल न खोली। जब यहीं से हेरा-फेरी, क्या करेगी आगे यह टोली। मेहनत के ये दुश्मन, जड़ें देश की करेंगे

2014 में गंगा मैया ने बुलाया था। इस बार चुनावों ने, उनकी मजबूरी ने, जीत की गारंटी ने बुलाया था, लिहाजा प्रधानमंत्री मोदी इस तरह सड़क पर, अपनी भीड़ और समर्थकों के बीच थे मानो किसी ‘रॉक स्टार’ की विजय-बारात निकल रही हो! चार और पांच मार्च को वाराणसी बिलकुल ‘मोदीमय’ लगी मानो जनादेश की

( सूबेदार मेजर (से.नि.) केसी शर्मा, गगल ) हमें बच्चों का बचपन नहीं छीनना चाहिए। आज मां-बाप अपने बच्चों के भविष्य हेतु अधिक सोच-विचार करने लगे हैं, इसलिए वे चौबीसों घंटे पढ़ने की रट लगाए रखते हैं। पढ़ाई से ऊब कर बच्चों में पढ़ाई के साथ-साथ बचपन के प्रति नीरस होना दुखद है। खेल गतिविधियों

राजनीति हमेशा अपने चरम तक पहुंचने की शिद्दत है और कमोबेश यही प्रदर्शन हिमाचल प्रदेश की चुनावी सन्निकटता में हो रहा है। एक सरीखे लफ्जों की राजनीति में फर्क केवल यही कि सत्ता और विपक्ष के बीच धरती की हकीकत क्या है। इसलिए भाजपा जो अर्जित करना चाहती है, उसके अक्स में राज्यपाल का अभिभाषण

( सुरेश कुमार, योल ) खाद्य मंत्री बाली जी लोगों का हौसला बनाए रखते हैं। अभी उन्होंने कहा कि पहली अप्रैल से डिजिटल कार्ड से डिपुओं में राशन मिलेगा। पहले कहा था कि डिपुओं में सीसीटीवी कैमरे लगेंगे। यानी राशन वितरण में भ्रष्टाचार रोकने के बाली जी पूरे प्रबंध करना चाहते हैं। पर उन्हें शायद

चुनावी साल में वीरभद्र सिंह के हाथों पेश होने वाले बजट में बेशक वोट-वादे टॉप ट्रेंड करेंगे। चार साल में दी गई नौकरियों के अलावा इलेक्शन से पहले मनभावन सौगातों का टी-20 भी दिखने के आसार हैं। कैसा रहेगा बजट का एजेंडा, ‘दिव्य हिमाचल’ के नजरिए से इस बार के दखल में … छोटे पहाड़ी

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री (लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं) परशुराम की धरती केरल में पिछले अनेक सालों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता साम्यवादी हिंसा के शिकार हो रहे हैं। यह असहिष्णुता केरल की धरती पर देखी जा रही है, जहां से कभी आदि शंकराचार्य शास्त्रार्थ का अस्त्र लेकर निकले थे, लेकिन इन साम्यवादियों के लिए