विचार

डिपाजिट इंश्योरेंस क्रेडिट गारंटी कारपोरेशन एक्ट में सरकार ने जो बदलाव किया है, उसमें जमाकर्ता को बैंक डूबने की स्थिति में बहुत बड़ी राहत मिली है...

भारत सारी दुनिया में देवभूमि के लिए प्रसिद्ध है। हमारा देश ही मात्र एक ऐसा देश है, जहां पर नवरात्र मनाए जाते हैं और कन्या पूजन होता है। लेकिन जब इसी देश में कन्या भ्रूण हत्या सामाजिक बुराई की खबरें सुनने को मिलती हैं, तो हर सभ्य और भारत की संस्कृति का अनुसरण करने वाला व्यक्ति यह सोचने पर मजबूर हो जाता है कि क्या भारत वही है जहां पर नवरात्र में कन्या

अफस्पा रुखसत करने के बजाय आतंक के कारण चार दशकों से अपने ही मुल्क में शरणार्थी बनकर तर्क-ए-वतन का दंश झेल रहे कश्मीर के मूल निवासियों की सुध लेनी चाहिए। कश्मीर में टारगेट कीलिंग का सिलसिला जारी है...

देश की नई पीढ़ी के लिए अधिक से अधिक करियर के मौके जुटाने के लिए एक ओर सरकार के द्वारा डिजिटल शिक्षा के रास्ते में दिखाई दे रही कमियों को दूर करना होगा, वहीं दूसरी ओर नई पीढ़ी के द्वारा करियर में आगे बढऩे और रोजगार में आने के बाद भी काम करते हुए लगातार बदलती हुई रोजगार की दुनिया के अनुरूप नए स्किल्स सीखने होंगे...

देश की राजनीति में अपराजेय चेहरों के बीच द्वंद्व अब नए हालात पैदा कर रहा है। विचारधाराओं से ऊपर नेताओं की ब्रांडिंग का ही असर है कि क्षेत्रीय क्षत्रप भी दीवारों के पीछे अपने-अपने दुर्गों की रक्षा कर रहे हैं।

इस युग में भगवान की कृपा से भी अधिक दयालु हो सकता है किसी आईपीएल मैच का फ्री पास। आईपीएल का एक फ्री टिकट, चुनाव के टिकट से कहीं अधिक प्रगाढ़ रिश्तों का प्रतीक और समाज में स्टेटस सिंबल का प्रहरी हो सकता है।

कहावत है कि पूरा विश्व ही एक कुटुम्ब जैसा है। यह दौर शांति, स्थिरता और सहयोग का है, लिहाजा युद्ध की गुंजाइश नगण्य है, लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध ने तमाम मान्यताओं को झुठला दिया है।

15 अप्रैल 1948 वो दिन था, जब धरती का स्वर्ग और देवभूमि हिमाचल अस्तित्व में आया था, अर्थात इसका गठन किया गया था। हालांकि उस समय प्रदेश का दायरा बहुत छोटा-सा था, क्योंकि उस समय इसके मात्र 4 ही जिले थे और इसके बहुत से पहाड़ी क्षेत्र पंजाब में थे। धीरे-धीरे इसका विस्तार होता गया और अब प्रदेश के 12 जिले हैं।

कहानी के प्रभाव क्षेत्र में उभरा हिमाचली सृजन, अब अपनी प्रासंगिकता और पुरुषार्थ के साथ परिवेश का प्रतिनिधित्व भी कर रहा है। गद्य साहित्य के गंतव्य को छूते संदर्भों में हिमाचल के घटनाक्रम, जीवन शैली, सामाजिक विडंबनाओं, चीखते पहाड़ों का दर्द, विस्थापन की पीड़ा और आर्थिक अपराधों को समेटती कहानी की कथावस्तु, चरित्र चित्रण, भाषा शैली व उद्देश्यों की समीक्षा करती यह शृंखला। कहानी का यह संसार कल्पना-परिकल्पना और यथार्थ की मिट्टी को विविध सांचों में कितना ढाल पाया। कहानी की यात्रा के मार्मिक, भावनात्मक और कलात्मक पहलुओं पर...