विचार

इस भव्य आयोजन के साथ देश तथा दुनिया में समभाव, सद्भाव, प्रेम तथा शांति की प्रार्थना की जानी चाहिए। श्रद्धा के साथ इसे मनाया जाए...

सोना सहरिया एक आदिवासी महिला है जो तालबेहट ब्लाक के बम्होरा गांव में अपने छोटे स्तर की खेती-किसानी से संतोषजनक आजीविका प्राप्त कर रही है। खेत और किचन गार्डन में बहुत सी सब्जियां लगी हैं, नींबू और अमरूद के पेड़ लगे हैं, जैविक खाद तैयार हो रही है, पर यह स्थिति एक दशक पहले नहीं थी। उस समय सोना के पति इंदौर में प्रवासी मजदूर के रूप में ईंट भट्टों पर मजदूरी करते थे। उन दिनों को याद करते हुए वे बताते हैं कि किसी-किसी दिन तो पूरा दिन मेहनत कर पांच रुपए की ही आमदनी होती थी। खूब मेहनत करने के बावजूद न अपने लिए ब

अयोध्या में राम मंदिर के बहाने सांस्कृतिक जागरण भी हो रहा है और अगर हम इसकी परिक्रमा कर रही सियासत को भूल जाएं, तो भारत के पौराणिक दर्शनों में कई किंवदंतियां साक्षात होती दिखाई देती हैं। यह अयोध्या में अयोध्या नहीं, बल्कि राम की गाथा में भारत के दर्शन हैं। यही परंपराएं अयोध्या से हिमाचल का ऐतिहासिक, सांस्कृतिक व सियासी रिश्ता भी जोड़ती हैं। कुल्लू में विराजित भगवान रघुनाथ की अपनी विशिष्ट परंपराओं में अयोध्या के कदम, भगवान राम की विजयी पदचाप और लोक संस्कृति में राम का महात्म्य सुनाई देता है। देव परंपरा के कई राम और राम के च

मालदीव में परंपरा रही है कि नए राष्ट्रपति सबसे पहले भारत की यात्रा करते रहे हैं। मोइज्जू ने भारत विरोध के चलते इसकी शुरुआत नहीं की। मालदीव, पाक जैसी गलती पर है...

अब नेता बेचारा क्या करे...? शराब की तरह पॉलिटिक्स भी ऐसी ही है कि छूटती नहीं है मुंह से लगी हुई। कुछ न कुछ करने को उकसाती रहती है बार-बार। नेताजी अब घुस ही आए हैं पॉलिटिक्स में तो अपना पिंड भी नहीं छुड़ा सकते। महज दसवीं पास हैं और वह भी नकल के सहारे सर्टिफिकेट मिला है। इसलिए कोई चकाचक नौकरी मिलने से तो रही। फिर अगर नौकरी ही करनी होती तो पॉलिटिक्स में करने ही क्या आते। अब आ गए हैं तो फंस गए हैं। इस मुई पॉलिटिक्स में नेता एक, मुसीबतें अनेक। नेताजी के पीछे सीबीआई भी पड़ी है, ईडी भी पड़ी है, विपक्ष भी प

भगवान श्री राम का नाम लेते ही मानसिक शांति मिलती है। वह सनातन धर्म या भारत के लिए ही आदर्श नहीं हैं, बल्कि सारी दुनिया के लिए हैं। उनकी जन्मभूमि अयोध्या में लगभग 500 वर्ष बाद उनका जो भव्य मंदिर बन रहा है और वहां 22 जनवरी को राम लल्ला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है, उसकी खुशी जाहिर करने के लिए जो तैयारियां चल रही हैं उन्हें देखकर लग रहा है कि दीपावली का त्योहार आने वाला है। हमारे देश में

आश्रम का पूरा वाल्मीकि समाज राम कथा का गायन करता था। यह समाज राम कथा गा-गाकर राममय हो गया था। दूर-दूर से श्रोतागण इस संगीत की धारा का रसास्वादन करने के लिए पहुंचते थे। एक ऐसा वाल्मीकि समाज आकार ग्रहण कर रहा था जिसमें चारों वर्णों की योग्यता समाहित थी। वाल्मीकि समाज और राम कथा एकाकार हो गई थी...

विश्व का सबसे बड़ा खेल आयोजन ओलंपिक इसी वर्ष दस्तक देने वाला है। भारतीय कुश्ती तथा उभरते युवा पहलवानों के बेहतर भविष्य के मद्देनजर भारतीय कुश्ती महासंघ व पहलवानों के बीच चल रहे विवाद का हल निकलना चाहिए। खेल संस्थाएं सियासत के चंगुल से मुक्त होनी चाहिएं...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मकर संक्रांति के दिन अपने निवास पर गायों का पूजन किया। जब आंध्रप्रदेश की पुंगनूर नस्ल की इन गायों को चारा खिलाते मोदी की खूबसूरत तस्वीरें मीडिया में आईं तो आम जनमानस ने उन्हें देर तक निहारा। इन तस्वीरों को देखकर गो-भक्त मंत्रमुग्ध हो गए। हिंदू संस्कृति में प्रत्येक शुभ दिन गो-पूजा करने का विधान है। हिंदू सभ्यता एवं संस्कृति में आस्था रखने वाले प्रत्येक व्यक्ति की भांति मोदी में गाय के प्रति आदर भाव स्वाभाविक तौर पर है। मकर संक्रांति पर मोदी ने जिस आदर भाव को व्यक्त किया है, वह गायों के संरक्षण