विचार

हम उम्मीद करें कि आगामी लोकसभा चुनाव के बाद देश वैश्विक आर्थिक संगठनों की रिपोर्टों के मुताबिक वर्ष 2027 में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

यह देश के स्वायत्त संस्थानों के असंवेदनशील व्यवहार के प्रति देश की सर्वोच्च अदालत का असाधारण आदेश है। सर्वोच्च न्यायालय का यह आदेश लोकतांत्रिक व्यवस्था के अधीनस्थ संस्थाओं की निरंकुशता व असंवैधानिक कृत्यों पर रोक लगाने में कारगर साबित होगा...

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु आजकल जल संकट से जुझ रही है। वहां के मुख्य व्हाईटफील्ड, येलहंका और कनकपुरा में स्थिति बहुत ही खराब है। जल संकट को देखते हुए वहां कुछ संस्थाओं ने जल बर्बादी करने वाले लोगों के लिए हजारों रुपए का जुर्माना भी घोषित कर दिया है। बेंगलुरु ही नहीं, दुनिया के बहुत से देश भी जल संकट से जुझ रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका की राजधानी केपटाउन में तो लगभग पिछले

शहर के जादूगर उस दिन मंच पर थे और जनता बेसब्री से कुछ ऐसा देखना चाहती थी, जो उसके जीवन में संभव नहीं। दरअसल जादूगरों ने तय कर रखा था कि अब देश को जादू का विश्व गुरु बनाएंगे। जनता को देश की खातिर हर जादू और हर जादूगर मंजूर है, इसलिए इस तरह के शो कहीं भी हिट हो रहे हैं, बल्कि जहां कुछ भी संभव नहीं वहां भी जादू का शो कामयाब हो रहा है। सृष्टि में जादू पहले आया या ईश्वर पर भरोसा, इस बहस मेें कई धर्म निकल आए, लेकिन हर किसी को जादू पर यकीन रहा। जा

कहानी के प्रभाव क्षेत्र में उभरा हिमाचली सृजन, अब अपनी प्रासंगिकता और पुरुषार्थ के साथ परिवेश का प्रतिनिधित्व भी कर रहा है। गद्य साहित्य के गंतव्य को छूते संदर्भों में हिमाचल के घटनाक्रम, जीवन शैली, सामाजिक विडंबनाओं, चीखते पहाड़ों का दर्द, विस्थापन की पीड़ा और आर्थिक अपराधों को समेटती कहानी की कथावस्तु, चरित्र चित्रण, भाषा शैली व उद्देश्यों की समीक्षा करती यह शृंखला। कहानी का यह संसार कल्पना-परिकल्पना औ

आय प्रमाणपत्र की जरूरत पर आम आदमी के अधिकार अगर अदालत के दरपेश सरकारी कार्यसंस्कृति का निकम्मापन साबित हो सकते हैं, तो जनता की व्यथा का अंदाजा लगाया जा सकता है। माननीय हाई कोर्ट ने आनी के तहसीलदार की कार्यशैली पर प्रतिकूल टिप्पणी नहीं, बल्कि सरकारी व्यवस्था के कर्ताधर्ताओं पर गंभीर प्रश्र चिन्ह लगाए हैं। हैरानी यह कि तमाम गारंटियों, सु

सीबीआई की तरह एसबीआई की चुनावी फंड के मामले में हुई किरकिरी से साबित हो गया है कि पिंजरे का तोता सिर्फ एक ही विभाग नहीं है। सरकारी विभाग सत्तारूढ़ दलों की कठपुतलियों की तरह काम करते हैं। सत्ता बदलते ही दूसरे दलों की भाषा बोलने लगते

तुलसी ने राम को किसी एक धर्म का बना कर स्थापित करने का प्रयास नहीं किया। उन्होंने तो राम के व्यक्तित्व से समग्र संसार के जनमानस को पारिवारिक एवं सामाजिक जीवन को व्यवस्थित रूप से संचालित करने का आधार बनाकर प्रेरणा लेने का संदेश दिया। सगुण भक्ति का सूत्रधार राम काव्य ही है...

देखिए जनाब! मुझ पर आप लाख तरह के आरोप लगा सकते हैं, लेकिन यह आरोप बिल्कुल नहीं लगा सकते कि मैं कुछ कर्ता-धर्ता नहीं हूं और निठल्ला बैठा सरकार की सब्सिडी खाता रहता हूं। ऐसा आरोप मैं बिल्कुल नहीं सुन सकता। पचास-साठ लोग एक साथ मिलकर कहें तो भी नहीं सुन सकता। पहली बात तो यह है कि मेरे सारे खाते सील हैं। उनमें सब्सिडी आ ही नहीं सकती। दूसरा, मेरे पास सब्सिडी खाने की फुर्सत ही नहीं है। मैं दिन-रात व्यस्त ही बहुत रहता हूं और ऊपर से आप यह तोहमत लगा रहे हैं कि मैं निठल्ले