विचार

कहानी के प्रभाव क्षेत्र में उभरा हिमाचली सृजन, अब अपनी प्रासंगिकता और पुरुषार्थ के साथ परिवेश का प्रतिनिधित्व भी कर रहा है। गद्य साहित्य के गंतव्य को छूते संदर्भों में हिमाचल के घटनाक्रम, जीवन शैली, सामाजिक विडंबनाओं, चीखते पहाड़ों का दर्द, विस्थापन की पीड़ा और आर्थिक अपराधों को समेटती कहानी की कथावस्तु, चरित्र चित्रण, भाषा शैली व उद्देश्यों की समीक्षा करती यह शृंखला। कहानी का यह संसार कल्पना-परिकल्पना औ

आय प्रमाणपत्र की जरूरत पर आम आदमी के अधिकार अगर अदालत के दरपेश सरकारी कार्यसंस्कृति का निकम्मापन साबित हो सकते हैं, तो जनता की व्यथा का अंदाजा लगाया जा सकता है। माननीय हाई कोर्ट ने आनी के तहसीलदार की कार्यशैली पर प्रतिकूल टिप्पणी नहीं, बल्कि सरकारी व्यवस्था के कर्ताधर्ताओं पर गंभीर प्रश्र चिन्ह लगाए हैं। हैरानी यह कि तमाम गारंटियों, सु

सीबीआई की तरह एसबीआई की चुनावी फंड के मामले में हुई किरकिरी से साबित हो गया है कि पिंजरे का तोता सिर्फ एक ही विभाग नहीं है। सरकारी विभाग सत्तारूढ़ दलों की कठपुतलियों की तरह काम करते हैं। सत्ता बदलते ही दूसरे दलों की भाषा बोलने लगते

तुलसी ने राम को किसी एक धर्म का बना कर स्थापित करने का प्रयास नहीं किया। उन्होंने तो राम के व्यक्तित्व से समग्र संसार के जनमानस को पारिवारिक एवं सामाजिक जीवन को व्यवस्थित रूप से संचालित करने का आधार बनाकर प्रेरणा लेने का संदेश दिया। सगुण भक्ति का सूत्रधार राम काव्य ही है...

देखिए जनाब! मुझ पर आप लाख तरह के आरोप लगा सकते हैं, लेकिन यह आरोप बिल्कुल नहीं लगा सकते कि मैं कुछ कर्ता-धर्ता नहीं हूं और निठल्ला बैठा सरकार की सब्सिडी खाता रहता हूं। ऐसा आरोप मैं बिल्कुल नहीं सुन सकता। पचास-साठ लोग एक साथ मिलकर कहें तो भी नहीं सुन सकता। पहली बात तो यह है कि मेरे सारे खाते सील हैं। उनमें सब्सिडी आ ही नहीं सकती। दूसरा, मेरे पास सब्सिडी खाने की फुर्सत ही नहीं है। मैं दिन-रात व्यस्त ही बहुत रहता हूं और ऊपर से आप यह तोहमत लगा रहे हैं कि मैं निठल्ले

भारत सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून को पूरे देश में लागू करने के लिए अधिनियम जारी किया गया है। वह एक बहुत ही अच्छा कार्य है। जो लोग हमारे पड़ोसी पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक दृष्टि से अल्पसंख्यक होने के कारण सां

भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने ‘एक देश, एक चुनाव’ पर अपनी रपट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी है। यह रपट व्यापक विमर्श का महादस्तावेज है, लिहाजा यह संदेह करना कि देश में एक ही पार्टी काम करेगी या 2029 के बाद देश में चुनाव ही नहीं होंगे, फिजूल और पूर्वाग्रह है। करीब 7 माह के दौरान 65 बैठकें की गईं, 11 रपटों का अध्ययन किया गया और

यदि कांग्रेस इन छह पूर्व विधायकों को फिर से स्वीकार लेती है, तो क्या होगा। राजनीति संभावनाओं का खेल है। अब कांग्रेस इनको पार्टी में तो वापस ले सकती है, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष अब इनको दोबारा विधानसभा का सदस्य नहीं बना सकेंगे। अब लोकसभा के चुनाव परिणामों का इंतजार है...

कम से कम बीस मिनटों तक तेज चलने, दौडऩे व शारीरिक क्रियाओं के करने से रक्त वाहिकाओं में रक्त संचार तेज हो जाता है। उससे हर मसल को उपयुक्त मात्रा में प्राणवायु मिलने से उसका समुचित विकास होता है। विद्यार्थी को कल का अच्छा नागरिक बनाना है तो उसे फिटनेस कार्यक्रम देना होगा...