वैचारिक लेख

लोकतंत्र की गंदली और दिन पर दिन सूख रही नदी की मौज़ों में घंटों मौज करने के बाद एक चट्टान पर लेटे झुन्नू लाल विटामिन डी का आनन्द उठा रहे थे। हफ़्ते के छ: दिन, एक कारख़ाने में बारह घंटे, आठ हजार रुपये की मज़दूरी करने वाले झुन्नू को आज रविवार की छुट्टी थी। देश में मौज पूरी तरह उतरी नहीं थी। लोकतंत्र की नदी में अभी कुछ जीवन शेष था। नहीं तो हो सकता था

डिपाजिट इंश्योरेंस क्रेडिट गारंटी कारपोरेशन एक्ट में सरकार ने जो बदलाव किया है, उसमें जमाकर्ता को बैंक डूबने की स्थिति में बहुत बड़ी राहत मिली है...

अफस्पा रुखसत करने के बजाय आतंक के कारण चार दशकों से अपने ही मुल्क में शरणार्थी बनकर तर्क-ए-वतन का दंश झेल रहे कश्मीर के मूल निवासियों की सुध लेनी चाहिए। कश्मीर में टारगेट कीलिंग का सिलसिला जारी है...

देश की नई पीढ़ी के लिए अधिक से अधिक करियर के मौके जुटाने के लिए एक ओर सरकार के द्वारा डिजिटल शिक्षा के रास्ते में दिखाई दे रही कमियों को दूर करना होगा, वहीं दूसरी ओर नई पीढ़ी के द्वारा करियर में आगे बढऩे और रोजगार में आने के बाद भी काम करते हुए लगातार बदलती हुई रोजगार की दुनिया के अनुरूप नए स्किल्स सीखने होंगे...

दरअसल अमरीका भी खाड़ी देशों की तरह भारत से रिश्ते और प्रगाढ़ करने की दिशा में बढ़ रहा है। मुद्दा चाहे सैन्य साजो-सामान की सप्लाई का हो या फिर चीन के खिलाफ दमदार सहयोगी का हो, अमरीका को अंदाजा है कि चीन का मुकाबला भारत ही कर सकता है...

महंगाई का मसला चूंकि सरकार के गले की फांस बना था, इसलिए सरकार ने महंगाई रोकने के लिए एक हाईपावर कमेटी बना दी। अब सरकार तो कमेटी बनाकर निश्चिंत हो गई, लेकिन कमेटी को समझ नहीं...

अगर हम गौर से देखेंगे तो पाएंगे कि इस समस्या के लिए मानव का स्वार्थ जिम्मेदार है। जब तक गाय दूध देती है, या बैल हल जोतता है, हम उनको अपने घर में रखते हैं, बूढ़े होने पर आवारा छोड़ देते हैं… हिमाचल प्रदेश की हलचल भरी सडक़ों, शहर के शोरगुल और ग्रामीण क्षेत्रों के

वायनाड ने सब गड़बड़ कर दिया। कम्युनिस्टों ने राहुल गांधी से पूछा कि आप तो पिछले दस साल से चिल्ला रहे हो कि आप की लड़ाई भाजपा वालों से है, लेकिन आप केरल में तो हमसे ही लड़ रहे हो। हम दिल्ली में आप के साथ एक मंच पर बैठ कर लम्बे-लम्बे भाषण देते हैं। मिल कर भाजपा के साथ लडऩे की हुंकार लगाते हैं, लेकिन उस सबके बावजूद आप केरल में हमसे ही लड़ रहे हैं...

अभी भी समय है कि सरकार को चाहिए कि इन खेल मैदानों का रखरखाव ठीक ढंग से करवाए, ताकि हिमाचल प्रदेश के खिलाड़ी इन सुविधाओं का लंबे समय तक लाभ उठा सकें...