वैचारिक लेख

सुरेश सेठ sethsuresh25U@gmail.com लगता है भारत ही नहीं, पड़ोसी देश भी डारविन महोदय के सिद्धांत को गलत सिद्ध करने पर तुल गए हैं। डारविन महोदय ने कहा था, इन्सान का विकास इतिहास बतलाता है कि उसके पूर्वज कभी वानर और चिम्पैंजी थे, फिर वनमानुस बने और अंततः इन्सान के रूप में नज़र आए। पहले चौपाये

यदि आप एवरेस्ट विजय करना चाहते हैं तो आप सैर करते हुए वहां नहीं पहुंच सकते। परिवर्तन की मानसिक यात्रा हमें सफलता की ओर ले चलती है। यदि हमें जीवन की बाधाओं से पार पाना है और सफल होना है तो हमें इस मानसिक यात्रा में भागीदार होना पड़ेगा जहां हम नए विचारों को आत्मसात

एनटीपीसी द्वारा बनाई जा रही तपोवन-विष्णुगाड़ परियोजना की डीपीआर में उल्लेख था कि भूगर्भ वैज्ञानिकों ने सलाह दी कि जिस स्थल पर बैराज प्रस्तावित है (जिसके अब ध्वंसावशेष खड़े हैं), उसे वहां नहीं बनाया जाना चाहिए क्योंकि वहां (जहां सुरंग बनेगी) गर्म पानी के सोते (हॉट वॉटर स्प्रिंग्स) होने की संभावना है। फिर डीपीआर में

डा. वरिंदर भाटिया कालेज प्रिंसिपल घर पर कंप्यूटर या पर्याप्त संख्या में मोबाइल न होने के कारण जहां ऑनलाइन पढ़ाई में लड़कों को लड़कियों पर प्राथमिकता दी गई, वहीं कोरोना के कारण आर्थिक तंगी से भी लड़कियों की पढ़ाई छूटने का डर शामिल हो गया। इस सर्वे के अनुसार 37 फीसदी लड़कों की तुलना में

मजदूर की दिहाड़ी समय पर उसके खाते में डाली जानी चाहिए जिससे उसका उत्साह बना रहे। 15वें वित्त आयोग में मनरेगा के बजट में 30 फीसदी कटौती करके इसमें से 20 फीसदी पंचायत समिति और 10 फीसदी जिला परिषद सदस्यों के लिए जारी किया गया है जिससे निष्क्रिय हो चुके पंचायती राज के दोनों अभिन्न 

अशोक गौतम ashokgautam001@Ugmail.com महामारी के चलते देश दुनिया के तमाम शिक्षण प्रशिक्षण संस्थानों पर ताले लगने पर देश को पूर्णतया उल्लुमय करने की इच्छा रखने वाले नवोदित उल्लू मेकरों को हमें यह जानकारी देते हुए हार्दिक प्रसन्नता हो रही है कि अब लीक से हट उल्लू तराश अकादमी देश के होनहार उल्लू बनाने वाले नवोदितों

इसके विपरीत जब खाद्यान्नों के दाम अधिक बढ़ जाएं तो फूड ट्रेडिंग कारपोरेशन अपने भंडारण किए हुए माल की बिक्री करे, आयात करे और और देश में खाद्यान्न उचित मूल्य पर उपभोक्ता को उपलब्ध कराए। फूड ट्रेडिंग कारपोरेशन को स्वयं खरीद और भंडारण का काम भी नहीं करना चाहिए। इस कारपोरेशन द्वारा व्यापारियों से भविष्य

देवभूमि में हर साल होने वाले हादसों के अध्ययन से यही कहा जा सकता है कि हिमाचल में सड़क दुर्घटना एक महामारी है। कोरोना की तरह इसके खिलाफ भी लड़ाई लड़नी जरूरी है। सरकार को सड़क हादसों को  रोकने के लिए कड़े नियम और कानून बनाने की जरूरत है। जो लोग यातायात के नियमों का

अजय पाराशर लेखक, धर्मशाला से हैं पंडित जॉन अली बड़ी देर से ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स पर कुछ ढूंढ रहे थे। लेकिन मनचाहा उत्पाद न दिखने पर वह झल्ला उठे। मैंने पूछा, ‘‘पंडित जी, क्या बात है?’’ तो बोले, ‘‘अमां यार! सीकरी जाने के लिए लोहे के जूते ़खरीदने की सोच रहा था। कुंभनदास की चप्पलें