वैचारिक लेख

हिमाचल प्रदेश में इस समय हर जिला स्तर सहित कई जगह उपमंडल स्तर पर भी इंडोर स्टेडियम बन कर तैयार हैं, मगर उन स्टेडियमों में बनी प्ले फील्ड का उपयोग प्रशिक्षण के लिए खिलाडि़यों को ठीक से करना नहीं मिल रहा है। वहां पर अधिकतर शहर के लाला व अधिकारी अपनी फिटनेस करते हैं… अंतरराष्ट्रीय

पूरन सरमा स्वतंत्र लेखक हल्ला मचाने वाले के बेर बिकते हैं। चीख जितनी तीखी होगी, असर उतना ही पुरजोर से होगा। वैसे भी जिधर देखो उधर शोर हो रहा है। ध्वनि प्रदूषण से न संसद बच पा रही और न राज्यों की विधानसभाएं। हल्ला मचाकर बात मनवाना हमारी नयी कल्चर है। जो लोग चीख नहीं

30 जनवरी को कुष्ठ रोग दिवस मनाया जाता है। इस बार का थीम है..कुष्ठ रोग को हराना, कलंक मिटाना, मानसिक खुशहाली को बढ़ाना रखा गया है।  इस दिवस को पूरी दुनिया में महात्मा गांधी जी की याद में मनाया जाता है। तीस जनवरी 1948 को उनका देहांत हुआ था। इस दिन की शुरुआत 1954 में

टीम के कई प्रमुख खिलाड़ी चोट और निजी कारणों से आस्ट्रेलिया के खिलाफ  सीरीज़ में शामिल नहीं थे। इसके बावजूद टीम इंडिया ने जुझारू प्रदर्शन किया और लगातार दूसरी बार बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी अपने नाम की है। भारत के इस जीत के चर्चे अमरीका, इंग्लैंड और पाकिस्तान में भी सुनाई दिए। कई प्रमुख विदेशी अखबारों ने

शिक्षण संस्थान एक बार पुनः खोलने की अधिसूचना से नई उमंग, आशाओं तथा नई उम्मीदों का संचार हुआ है। सभी विद्यार्थी, अभिभावक, अध्यापक शिक्षण संस्थान खोलने की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहे हैं। कुछ ही दिनों में प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों में चहल-पहल होगी… हिमाचल प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों में एक बार फिर

सुरेश सेठ sethsuresh25U@gmail.com आपने पूछा, आपके व्यंग्य है कि दबे-कुचले, रोते-पीटते लोगों के दिल को छील जाने वाली सालती मुस्कराहटें? ये आपको छूती हैं तो परेशान करती है। कन्धों पर सवार हो जाती हैं तो किसी बैताल कथा सी लगती हैं। बैताल तो राजा विक्रमादित्य से सवाल पूछता था, उत्तर मिलते-मिलते इतनी देर हो जाती

इसमें परिवर्तन यह करना चाहिए कि व्यक्तिगत लोगों को लाभ पहुंचाने वाली योजनाएं जैसे सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम और इम्प्लोयी इंश्योरैंस कारपोरेशन आदि पर खर्च घटाकर कोविड जैसे संक्रामक रोगों की रिसर्च पर खर्च बढ़ा देना चाहिए। पांचवां, अन्य तमाम मंत्रालयों पर 2019-20 में 20.0 लाख करोड़ रुपए का खर्च हुआ था। इन सभी के

हाल ही में इस संस्थान को वर्ष 2018-19 के लिए आरक्षी मूलभूत प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए देशभर में प्रथम घोषित किया गया है, जबकि वर्ष 2017-18 के लिए उत्तरी क्षेत्र में प्रथम घोषित किया गया है… कहते हैं कि ‘हासिल कर लेते हैं वो मंजिल, जो मंजिल पर फना होते हैं! त्याग देते हैं

अजय पाराशर लेखक, धर्मशाला से हैं हम दोनों धूप में बैठे अ़खबार पढ़ रहे थे। अचानक मेरी नज़र उस कॉलम पर पड़ी, जिसमें बैंकों के लाखों-करोड़ों रुपए के एनपीए के बारे में बताया गया था। मैंने हैरानगी जताते हुए कहा, ‘‘पंडित जी! हम जैसे नौकरीपेशा को एक रुपए का ़कज़र् देते हुए भी सभी बैंकों