वैचारिक लेख

तुलसी ने राम को किसी एक धर्म का बना कर स्थापित करने का प्रयास नहीं किया। उन्होंने तो राम के व्यक्तित्व से समग्र संसार के जनमानस को पारिवारिक एवं सामाजिक जीवन को व्यवस्थित रूप से संचालित करने का आधार बनाकर प्रेरणा लेने का संदेश दिया। सगुण भक्ति का सूत्रधार राम काव्य ही है...

देखिए जनाब! मुझ पर आप लाख तरह के आरोप लगा सकते हैं, लेकिन यह आरोप बिल्कुल नहीं लगा सकते कि मैं कुछ कर्ता-धर्ता नहीं हूं और निठल्ला बैठा सरकार की सब्सिडी खाता रहता हूं। ऐसा आरोप मैं बिल्कुल नहीं सुन सकता। पचास-साठ लोग एक साथ मिलकर कहें तो भी नहीं सुन सकता। पहली बात तो यह है कि मेरे सारे खाते सील हैं। उनमें सब्सिडी आ ही नहीं सकती। दूसरा, मेरे पास सब्सिडी खाने की फुर्सत ही नहीं है। मैं दिन-रात व्यस्त ही बहुत रहता हूं और ऊपर से आप यह तोहमत लगा रहे हैं कि मैं निठल्ले

यदि कांग्रेस इन छह पूर्व विधायकों को फिर से स्वीकार लेती है, तो क्या होगा। राजनीति संभावनाओं का खेल है। अब कांग्रेस इनको पार्टी में तो वापस ले सकती है, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष अब इनको दोबारा विधानसभा का सदस्य नहीं बना सकेंगे। अब लोकसभा के चुनाव परिणामों का इंतजार है...

कम से कम बीस मिनटों तक तेज चलने, दौडऩे व शारीरिक क्रियाओं के करने से रक्त वाहिकाओं में रक्त संचार तेज हो जाता है। उससे हर मसल को उपयुक्त मात्रा में प्राणवायु मिलने से उसका समुचित विकास होता है। विद्यार्थी को कल का अच्छा नागरिक बनाना है तो उसे फिटनेस कार्यक्रम देना होगा...

जेल जाने के फायदे इतने हैं कि आजकल जेल जाने की होड़ सी मची हुई है। एक सोचता है कि वह जेल चला गया तो मैं क्यों पीछे रहूं? इससे भ्रष्टाचार बढ़ता है और भ्रष्टाचार से होने वाले लाभों से तो आज हम सब परिचित हैं। तिहाड़ जेल तो मानो मंदिर बन गई है, जहां बड़े-बड़े वीवीआईपी डेरा डाले हुए हैं। कई बार तो मुझे वहम होता है कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म तिहाड़ जेल में ही तो नहीं हुआ था? जेल जाने से व्यक्तित्व का विकास होता है और वह नए कृतित्वों की तरफ अग्रसर होता है। जेल जाना तीर्थयात्रा के स

इस देश के लोगों को उन कतारों में खड़े होने की आदत हो गई है, जो आगे नहीं सरकती। वैसे कतारों में खड़े होने की आदत यहां है भी नहीं। कतार तोड़ कर आगे बढ़ जाने की धक्कमपेल है। धक्का-मुक्की यहां शूरवीरता मानी जाती है और चोर दरवाजे खोल कर गद्दी पर आसीन हो जाना नए युग का धर्म। फिर जो आसीन हो गया, वह नीचे उतरता कहां है। संन्यास लेने का वक्त आ जाए, तो भी देश की चिंता उसे इतना सताती है कि उसका संन्यास मुल्तवी होता जाता है। यहां त्याग और तपस्या एक मुखौटा बन गई है, और जीवन

मैंने हिमाचल प्रदेश सरकार तक इस लेख के माध्यम से विकास एवं पर्यटन संभावनाओं में बढ़ोत्तरी के दृष्टिगत कुछ ऐसे क्षेत्रों में विद्यमान अपर्याप्त सुविधाओं की कहानी एवं मांग को पहुंचाने की कोशिश की है ताकि राज्य सरकार व्यावसायिक तौर-तरीके अपनाकर हिमाचल की पर्यटन आर्थिकी को पटरी पर लाने के लिए काम करे...

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 अन्य कानूनों की अपेक्षा उपभोक्ताओं को अधिक संरक्षण प्रदान करता है। उपभोक्ताओं के विवादों का शीघ्र और उचित निपटारा करने के लिए अर्ध-न्यायिक पद्धति को बनाया गया है। इसमें जिला फोरम, राज्य आयोग तथा राष्ट्रीय आयोग शामिल हैं। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 में केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण की स्थापना का प्रावधान है...

मैं उनके काव्य संग्रहों के चौके छक्कों का घायल हूं। दो साल पहले वे पता नहीं कविता के आसमान में कहां से पुच्छल तारे की तरह अवतरित हुए औ फिर देखते ही देखते कविता के जगत में उन्होंने वह कहर बरपाया कि...वह कहर बरपाया कि...अब तो उनके काव्य संग्रह सौष्ठव को देख कबीर-तुलसी भी दांतों तले अंगूठा दबाने को विवश हैं। आह! हिंदी जगत में ऐसा कवि सदियों के बाद पैदा होता है जिसके नख शिख से कुछ झरता है तो बस काव्य संग्रह। मैं बापुरो! इधर एक कविता लिखने को भी महीनों लगा देता हूं। कविता होती है कि लाख जोर मारने के बाद भी पेट से बाहर आने से साफ मना कर देती है। कई बार तो वे मेरी कवि