वैचारिक लेख

अपने देश में जो काम होता है, पूरी निष्ठा के साथ होता है। इसीलिए तो इस देश को निष्ठावान देश कहा जाता है। आज से नहीं सदियों से कहा जाता है। यह मामूली बात है कि वक्त गुजरने के साथ-साथ यहां लोगों की निष्ठा के पैमाने बदल गए हैं। मुखौटे तशरीफ ले आए हैं। वे दिन गए जब अध्ययन के दिनों में पूरी निष्ठा से पढ़ाई और अध्यापन के दिनों में पूरी निष्ठा के साथ अध्यापन होता था। इस देश के लोगों के प्रतिबद्ध संस्कारों की कसम पूरी दुनिया में खाई जाती रही। अब वक्त बदल गया। संस्कार तो वही हैं। निष्ठा भी वही है और प्रतिबद्धता भी वैसी ही है। लोगों

भारतीय सशस्त्र सेनाओं के विभाजन के बाद पाक सेना में जाने वाले सैन्य अफसरों के लिए छह अगस्त 1947 को नई दिल्ली में एक विदाई पार्टी का आयोजन किया गया था। एडमिरल माऊंटबेटन, फील्ड मार्शल औचिनलेक व ले. ज. करियप्पा जैसे गणमान्य व्यक्ति उस विदाई भोज में शामिल थे। विदाई पार्टी में ले. ज. करियप्पा ने कहा कि ‘हमने इतने वर्ष इक_े सेना में कार्य किया व विश्व युद्ध लड़े। उम्मीद है कि अलग होने के बाद भी ये भावनाएं बनी रहेंगी’। पाक सेना की तरफ से ब्रिगेडियर ए. एम. रजा ने कहा कि हम भारतीय सेना की परंपराओं को बनाए रखेंगे। मैं भारतीयों

कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के छात्र प्रबंधन की जिम्मेदारी है कि वे कॉलेज के छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं की शीघ्र पहचान करें और उनमें हस्तक्षेप करें। जैसे-जैसे समाज विकसित हो रहा है, कॉलेज के छात्रों को अधिक जटिल वातावरण का सामना करना पड़ रहा है। एक ओर, स्नातकों की संख्या में लगातार वृद्धि ने कॉलेज के छात्रों पर काम खोजने के लिए अधिक दबाव डाला है। दूसरी ओर, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्र

अपने तमाम आमों और खासों को सार्वजनिक करते हुए अपार प्रसन्नता हो रही है कल मैंने अपनी अक्ल दाढ़ भी निकलवा ली है। असल में ये मेरी अक्ल दाढ़ मुझे लंबे समय से बीवी से भी अधिक परेशान किए थी। सच कहूं तो बेरोजगारी के दिनों में बेरोजगारी से मैं उतना परेशान नहीं हुआ जितना इस अक्ल दाढ़ की परेशानी की वजह से हुआ। सच कहूं तो महंगाई से भी मैं उतना परेशान नहीं हुआ जितना इस अक्ल दाढ़ की वजह से हुआ। अक्ल का फकीर होने के बाद जब ये बीच बीच में मुझे परेशान करती तो लगता ज्यों मेरी सब परेशानियों की वजह जो कोई है तो ब

स्पष्ट है कि यह एजेंसी लगातार गलत आंकड़े और गलत मैथडोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए, वास्तविकता से कहीं दूर भारत को बदनाम करने की कोशिश करती है...

यदि हमें छोटे बच्चों, किशोरों, युवा पीढ़ी को आदर्श तथा जिम्मेदार नागरिक बनाना है तो ऐसे कदम शीघ्र उठाने की सख्त आवश्यकता है। आने वाले समय में ड्रग्स के लत वाले लोगों से, इंटरनेट के लती कई गुणा होंगे...

सुना है जब से रिपब्लिक ऑव इण्डिया रिपब्लिक ऑव मीडिया हुआ है, आर्यावर्त में राम राज्य की नींव पाताल लोक तक जा पहुँची है। जब नींव इतनी गहरी है तो इमारत कितनी बुलन्द होगी, इसका अन्दाज़ा लगाना मुश्किल नहीं। लेकिन यह पता लगाना कठिन है कि सरकार मीडिया में है या मीडिया सरकार में है। मोदिया चैनल और अख़बारें अगर सरकार की गोदी में बैठे होते तो शायद राम राज्य की नींव की गहराई का पता लगाना जऱा

देश में जमाखोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई तेज की जानी होगी। अतिरिक्त नकदी की निकासी पर रिजर्व बैंक को ध्यान देना होगा। आवश्यक खाद्य पदार्थों के उपयुक्त रूप से आयात की रणनीति से मजबूत आपूर्ति से खाद्य पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी को नियंत्रित किया जाना

पूरा विश्व इस बीच दो गुटों में बंट चुका है। कुछ देश फिलिस्तीन के साथ, तो कुछ इजरायल को समर्थन दे रहे हंै। लेकिन युद्ध के मुख्य किरदार एक-दूसरे के अस्तित्व को ही मिटाने की जिद्द में गोला-बारूद दाग रहे हैं। मानो नामोनिशान ही मिटा देंगे, लेकिन इस बीच खुद को बचाने के