वैचारिक लेख

कर्नल (रि.) मनीष धीमान स्वतंत्र लेखक तीन जनवरी को अमरीका ने ईरान के कुछ सैन्य ठिकानों पर हवाई हमला कर उसे नुकसान पहुंचाया, जिसमें ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स का जनरल कासिम सुलेमानी भी मारा गया। जनरल सुलेमानी को ईरान में राष्ट्रपति के बाद दूसरे नंबर के रूप में जाना जाता था अपितु वह ईरान के सबसे

प्रो. एनके सिंह अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन सलाहकार वामपंथ से जुड़े पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार और संघ की वर्तमान अध्यक्ष आईशी घोष बात कर रहे हैं। किसी समय पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार मोदी या शाह या किसी अन्य व्यक्ति के बारे में गैर-जिम्मेदाराना तरीके से बात करते हैं। वास्तव में आंदोलन में शामिल अधिकांश छात्र

सुनील वासुदेवा लेखक, शिमला से हैं लोग गंभीर मामलों में त्वरित न्याय चाहते हैं, लेकिन वास्तव में देश की न्याय प्रक्रिया जटिल है, जिस में पीडि़त को एक लंबी प्रक्रिया का सामना करना पड़ता है। अंग्रेजी में एक मशहूर कहावत है कि ‘न्याय में देरी यानी न्याय का न मिलना’। फौजदारी मामलों में एफआईआर यानी

पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार सत्या नडेला भारतीय मूल के हैं। वे अमरीका में रह रहे हैं और उन्हें माइक्रोसॉफ्ट जैसी वैश्विक बहुराष्ट्रीय कंपनी का सीईओ बनने का अवसर मिला। वह यह कहना चाह रहे हैं कि अन्य देशों के लोग यदि भारत में आएं तो उन्हें यहां की कंपनियों का सीईओ बनने का अवसर उपलब्ध

सुरेश सेठ sethsuresh25U@gmail.com वे नई सदी के साहित्यकार थे। लिखते कम और बोलते ज्यादा थे। उपदेश के पाठ उन्हें पूरी तरह कण्ठस्थ थे। उम्र में थोड़ा अधेड़ होने से वे नए रचनाकारों पर टूट पड़ते तथा उन्हें अद्भुत और जीवंत लिखने की सीख देते। अंग्रेजी लेखकों का उदाहरण देकर समझाते कि वे लोग वाकई मेहनत

प्रताप सिंह पटियाल लेखक, बिलासपुर से हैं मलाल इस बात का है कि देश की सरहदों को अपने रक्त से सींच कर तथा देश के कई महाज पर सैन्य कुर्बानियां देकर अपनी शूरवीरता भरी कियादत तथा सलाहिमत से शौर्य गाथाओं के कई मजमून लिखने वाले प्रदेश की जांबाज सैन्यशक्ति को भारतीय सेना में अपने नाम

अनुज कुमार आचार्य लेखक, बैजनाथ से हैं केंद्र सरकार द्वारा एक जनवरी 2004 से और हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा 15 मई 2003 से ही लागू न्यू पेंशन स्कीम के दुखदाई परिणाम सामने आने के बाद से इस प्रणाली से जुड़ने वाले नियमित सरकारी कर्मचारियों में रोष है और जिन्हें हजार-दो हजार रुपए की मामूली पेंशन

अशोक गौतम ashokgautam001@Ugmail.com सबसे पहले बीवी के ऋण से उऋण होने के लिए उन्होंने अपनी इधर-उधर से आधी मारी, आधी फाड़ी कालजयी किताब का लोकार्पण करवाया तो बीवी की उनके प्रति आस्था जागी कि वे भी कम से कम उसे पढ़ने लायक मानते हैं। वे लोकार्पण की फोटो सहित बीवी के साथ पहली बार घर

कुमार सिद्धार्थ स्वतंत्र लेखक अपने देश में  ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के नाम पर देशव्यापी ‘हो-हल्ला’ मचा हुआ है। वर्ष 2015 में शुरू हुए इस अभियान का मकसद तो देश को साफ-सुथरा बनाए रखने का था, लेकिन इसकी नींव ‘विश्व बैंक’ से लिए गए कर्ज के आधार पर रखी गई थी। ‘विश्व बैंक’ के डेढ़ अरब