वैचारिक लेख

सुखदेव सिंह लेखक, नूरपुर से हैं अब सरकारी डिपुओं में खाद्य वस्तुएं आने का मोबाइल पर एसएमएस संबंधित विभाग की ओर से भेजा जाएगा। यही नहीं खाद्य वस्तुएं प्राप्त कर लिए जाने का अपडेट भी अब उपभोक्ताओं को डिजिटल सिस्टम से मिलने वाला है। जनता को अब बार-बार कृषि सहकारी सभाओं में खाद्य वस्तुएं पूछने

कर्नल (रि.) मनीष धीमान स्वतंत्र लेखक आजकल चल रहे सर्द मौसम को कश्मीर घाटी में चिल्लां-कलां के नाम से जाना जाता है, चिल्लां-कलां बेसिकली दिसंबर के आखिरी सप्ताह में शुरू होता है और करीब अगले 40 दिन तक रहता है, इन दिनों घाटी में मौसम अत्यंत सर्द रहता है। पश्चिमी और दक्षिणी कश्मीर पूरी तरह

प्रो. एनके सिंह अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन सलाहकार संविधान में महत्त्वपूर्ण बदलावों के लिए भी यह साल याद किया जाएगा और इसका सुचारू प्रबंधन देश के गृह मंत्री ने किया। उनका दावा है कि अनुच्छेद 370 के बदलावों को लागू करने में एक भी गोली नहीं चली है। आर्थिक मंदी और जीडीपी घटने के बावजूद शेयर बाजार

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक केहर सिंह पटियाल का जन्म हमीरपुर शहर के साथ लगते गांव वारल में पिता स्वर्गीय मिलखी राम पटियाल व माता स्वर्गीय शाहवो देवी के घर 11 दिसंबर 1959 को हुआ। तत्कालीन राजकीय उच्चतर माध्यमिक बाल पाठशाला हमीरपुर जो अब वरिष्ठ माध्यमिक बाल पाठशाला हमीरपुर है, से 11वीं कक्षा पास की

पूरन सरमा स्वतंत्र लेखक एक बार मैंने भगवान से कहा-‘प्रभो आपने गंजे को नाखून क्यों दिए?’ भगवान बोले-‘मैंने तो बेटे नाखुन सबको ही दिए हैं। गंजे के साथ में पक्षपात क्यों कर करुं। वह भी आदमी ही है, लेकिन तुम यह पूछ क्यों रहे हो?’ मैंने कहा-‘प्रभो, गंजे ने अपना पूरा माथा खोद लिया है।

पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार आज हमारे सामने कई चुनौतियां दरपेश हैं। समाज में विषमता बढ़ती जा रही है और अब यह केवल एक स्थान पर आर्थिक विषमता तक सीमित नहीं रह गई है बल्कि भौगोलिक रूप से भी यह एक नई समस्या के रूप में उभर रही है जिस पर शायद किसी का ध्यान नहीं

प्रताप सिंह पटियाल लेखक, बिलासपुर से हैं हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला का छोटा सा कस्बा ‘मोरसिंघी’ जो अब तक अनजाना नाम था। मगर वर्तमान में पूरे देश में हैंडबाल की पृष्ठभूमि तथा ‘हैंडबाल की नर्सरी’ के रूप में पहचान बना रहा है। इसकी कोच व संचालिका स्नेहलता हैं। वर्ष 2015 से इनकी अकादमी मोरसिंघी

सुरेश सेठ sethsuresh25U@gmail.com लाशें सवालिया निशान बन कर जांच कर्ताओं को घूरती हैं कि बताओ हमें किस ने मारा? अब देखिए साहिब मेला आयोजकों ने तो उन्हें मारा नहीं, क्योंकि उन्होंने यहां मेला सजाने के लिए प्रशासन से बाकायदा इजाजत ले ली थी। जब इजाजत मिल गई तो उनकी जिम्मेदारी मंच पर खड़े हो गले

प्रो. प्रेम कुमार धूमल पूर्व मुख्यमंत्री, हि.प्र. आज सारे देश में केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए एक निर्विवाद कदम पर व्यर्थ में विवाद किया जा रहा है। सारा विश्व जानता है कि 1947 में जब भारत स्वतंत्र हुआ तो धर्म के नाम पर मुस्लिम लीग और कांग्रेस ने मिलकर देश का बंटवारा किया। पश्चिमी पाकिस्तान