वैचारिक लेख

पुष्पदीप जसवाल लेखक, शिमला से हैं अव्यवस्था का आलम जिला कांगड़ा के पालमपुर के धीरा से लेकर, बिलासपुर के घुमारवीं, मंडी के सुंदरनगर और शिमला के संजौली इत्यादि परीक्षा केंद्रों में देखने को मिला जहां प्रशासन की लापरवाही की वजह से बहुत से अभ्यर्थियों को दिक्कतें झेलनी पड़ी जिस कारण इस परीक्षा में हुए हंगामे

कर्नल मनीष धीमान स्वतंत्र लेखक पिछले सप्ताह भारतीय सेना के चार सैनिक और दो सिविलयन पोर्टर सियाचिन में आए हिमस्खलन से बर्फ  में दब कर शहीद हो गए। हिमस्खलन व अत्यधिक ठंड के बावजूद यहां सैनिक डटे रहते हैं। सियाचिन दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्रों में से एक है। करीब 24,000 फीट की ऊंचाई

प्रो. एनके सिंह अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन सलाहकार टीएन शेषन, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त का हाल ही में चेन्नई में उनके घर पर निधन हो गया और उनके अंतिम संस्कार में लगभग एक दर्जन लोग शामिल हुए। मीडिया ने भी उनके बारे में बहुत कम जानकारी दी। शेषन भारत की चुनाव प्रणाली के एक महान, सरल और

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक कुछ दशकों से राष्ट्रीय स्तर के खेल परिणामों में काफी उन्नति हुई है। इस का मुख्य कारण खेल ढांचे में वैज्ञानिक तकनीकी से आधुनिकीकरण है। इस बात को ध्यान में रख कर पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल ने अपने पहले कार्यकाल में आधुनिक खेल ढांचे की रूप रेखा तैयार

पूरन सरमा स्वतंत्र लेखक लंबे समय से उस नगर की बिजली कटौती के कारण नहीं आ रही थी। अंधेरे के जीव अंधेरे का फायदा उठाकर अपने करतबों को अंजाम दे रहे थे। चोर, उचक्के और बदमाश अपनी-अपनी कलाओं में सफाई ला रहे थे। अंधेरे का फायदा उठाकर ही उस नगरी का राजा गहरी नींद में

पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार एक समय ऐसा था जब भाजपा की आंतरिक रस्साकशी के चलते उन्हें गुजरात से दूर कर दिया गया था, लेकिन केशुभाई पटेल के मुख्यमंत्रित्व काल में जब गुजरात के हालात बिगड़े तो भाजपा हाईकमान ने उन्हें स्थिति संभालने के लिए कहा और गुजरात का उपमुख्यमंत्री बनने का प्रस्ताव दिया। मोदी ने

कंचन शर्मा लेखिका, शिमला से हैं समाचारों की सुनें तो पटवारी के मात्र 1194 पदों के लिए 3,02,125 आवेदन पत्र प्रदेश सरकार को मिले जिससे हिमाचल में रोजगार की दशा स्पष्ट हो जाती है। इस परीक्षा को लेकर, इसके प्रश्न पत्र को लेकर व परीक्षा के समय परीक्षार्थियों के साथ हुई परेशानियों को लेकर सोशल

प्रकाश चौहान  मंडी चिट्टा जो कि आज सरकार ही नहीं बल्कि प्रदेश के लोगों के लिए भी एक चुनौती बन चुका है। प्रदेश के अंदर करीब दो साल पहले इस चिट्टे के धंधे की शुरुआत हुई और आज के समय में यह नशा इतना फैल चुका है कि सैकड़ों की संख्या में युवा हर वर्ष

सुरेश सेठ साहित्यकार आली जाह, लोकतंत्र में जनता ही तो जनार्दन होती है, इसलिए हम आपकी आंखों में आंख डाल कर दोनों हाथों से ताली बजा कर कहते हैं कि महसूस कीजिए अच्छे दिन आ गए। देश ने बहुत तरक्की कर ली। अभी एक नया सूचकांक सामने आया है जो यह बता रहा है कि