जूस पिलाकर हड़ताल खत्म
रामपुर बुशहर — आखिरकार हिलोमो के आंदोलन के आगे अस्पताल प्रबंधन को झुकना ही पड़ा। शुक्रवार को महात्मा गांधी चिकित्सा परिसर के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डा. राजेंद्र बिष्ट ने क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हिलोमो के कार्यकर्ताओं को जूस पिलाकर क्रमिक हड़ताल को समाप्त किया। शुक्रवार को अस्पताल प्रबंधन के बाहर बड़ी संख्या में हिलोमो के वरिष्ठ नेताओं सहित कार्यकर्ता मौजूद रहे। सबसे पहले उन्होंने विजय रैली निकालकर अपने आंदोलन को सफल बताया, जिसके बाद अस्पताल मुख्य गेट पर हिलोमो ने सभा को संबोधित किया। इस सभा में हिलोमो के वरिष्ठ नेता नींजूराम, चेतन पाकला, बिहारी सेवगी, देवकीनंद, देसराज हुडन, कैलाश ब्रामटा, पुष्पेंद्र मौजूद रहे। इन नेताओं ने सभा को संबोधित करते हुए अस्पताल प्रबंधन की दुर्दशा के बारे में जानकारी दी। हिलोमो के नेता बिहारी सेवगी ने अपने संबोधन में कहा कि उन्होने 18 अगस्त को अस्पताल प्रबंधन को आठ सुत्रीय मांगपत्र सौंपा था, जिस पर अस्पताल प्रबंधन ने कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि इस अस्पताल में चार जिलों के लोग स्वास्थ लाभ लेने आते हैं, लेकिन हैरानी की बात है कि यहां पर डाक्टर के दर्जनों पद खाली पड़े हैं। इतना ही नहीं, यहां से महत्त्वपूर्ण डाक्टर की ट्रांसफर कर दी गई है, जिसका हिलोमो ने पूरजोर विरोध किया है। हिलोमो के प्रदेश नेता चेतन पाकला ने कहा कि उन्होंने अपनी मांग में यह बात प्रमुख तौर पर उठाई थी कि अस्पताल से डाक्टर जो भी टेस्ट लिखते है, वह अस्पताल के भीतर ही हो। इस पर अस्पताल प्रबंधन ने तुरंत हामी भरते हुए कहा कि वे सभी डाक्टरों को यह लिखित आदेश जारी कर देंगे। इसके अलावा डाक्टर जो भी दवाई लिखते हैं, वह सरकारी दुकान में उपलब्ध हो। इसके अलावा इस आंदोलन की सबसे बड़ी मांग रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती रही। हिलोमो नेताओं ने कहा कि अल्ट्रासाउंड करने के लिए यहां का आम आदमी हर दिन लुट रहा है। इसे रोकने के लिए हिलोमो ने रोगी कल्याण समिति से यहां पर रेडियोलॉजिस्ट तैनात करने की सिफारिश की, जिसे रोगी कल्याण समीति के अध्यक्ष व उपमडलाधिकारी केआर सहजल ने स्वीकृत कर दिया है। जल्द ही इस पद का विज्ञापन जारी किया जाएगा। यहां पर हिलोमो के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक नींजूराम ने कांग्रेस व भाजपा की जमकर खिंचाई की। उन्होंने कहा कि यहां से पांच बार कांग्रेस नेतृत्व में मुख्यमंत्री रह चुके हैं, लेकिन स्थिति यह है कि आम आदमी की जिंदगी आज भी भारी समस्याओं से जकड़ी हुई है। दूरदराज में सड़कों की हालत खस्ता बनी हुई हैं।