मंदिरों में घंटियां, होटलों में बजते रहे डीजे
धर्मशाला — कांगड़ा घाटी में पहुंचे हजारों सैलानियों एवं श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना व मौज-मस्ती से नए साल का आगाज किया। नए साल के स्वागत के लिए होटल व रेस्तरां में जहां डीजे की धुनों पर देर रात तक लोग मौज-मस्ती करते रहे, वहीं मंदिरों में सुबह ही घंटियां बजना शुरु हो गई थी। विभिन्न राज्यों से कांगड़ा घाटी के शक्तिपीठों एवं मंदिरों में पहुंचे श्रद्धालुओं ने अपने नए साल की शुरुआत पूजा-अर्चना कर की। आधुनिकता के दौर में सभी ने अपने अपने अंदाज से नए साल का स्वागत कर अपने काम की शुरुआत की। यहां पहुंचे हजारों लोगों को सुरक्षा व बेहतर सुविधाएं देने के लिए जिला प्रशासन व पुलिस महकमे ने पर्यटक स्थलों के अलावा मंदिरों में भी अतिरिक्त सुरक्षा बलों के सहारे माहौल को शांतिपूर्ण बनाए रखने में सफलता हासिल की। धौलाधार की वादियों व देवी-देवताओं की स्थली कांगड़ा घाटी में देश भर के विभिन्न राज्यों से हजारों लोगों ने यहां पहुंच कर अपने नए साल का आगाज किया। धर्मशाला, मकलोडगंज, भागसूनाग और नड्डी की शांत वादियों में देशी-विदेशी मेहमानों ने देर रात तक डीजे की धुनों पर थिरकते हुए सारी रात मौज-मस्ती कर पुराने साल को अलविदा कहते हुए नए साल का आगाज किया। इतना ही नहीं, इस बार कांगड़ा के कई स्थानों पर युवाओं ने अलग ही अंदाज में खुले व शांत स्थानों पर भी विशेष प्रबंध कर भीड़-भाड़ से दूर नए साल को सेलिब्रेट किया, जबकि इस परिपाटी से हटकर हजारों लोगों ने कांगड़ा घाटी में स्थित मां चामुंडा, माता बज्रेश्रवरी और माता ज्वालाजी सहित अपनी कुल देवियों व अन्य मंदिरों में भगवान के दर शीश नवाकर नए साल की शुरुआत की। जिला भर के मंदिरों में सुबह से ही कतारें लगी हुई थीं। मकलोडगंज स्थित दलाईलामा मंदिर में भी बौद्धधर्म के अनुयायियों सहित अन्य लोगों का दिनभर जमाबड़ा लगा रहा। गुरुद्वारों में भी सुबह से भी धार्मिक वातावरण बना हुआ था। उपायुक्त कांगड़ा सीपाल रासू का कहना है कि जिला भर के मंदिरों एवं पर्यटक स्थलों पर लोगों को सुरक्षा एवं अन्य सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए विशेष प्रबंध किए गए थे। उधर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एवं प्रवक्ता डा. शिव कुमार शर्मा का कहना है कि जिला भर के सभी प्रमुख स्थलों पर पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं की आवक को देखते हुए सैकड़ों जवानों के प्रयासों से मौहाल शांतिपूर्ण रहा।