टनल में पानी के रिसाव से सहमा किलौड़
पांवटा साहिब — उपमंडल पांवटा साहिब के पूर्वी छोर में हिमाचल-उत्तराखंड की सीमा पर स्थित किलौड़ गांव के ग्रामीणों को आशंका है कि उनके गांव के साथ बनी वैकल्पिक सुरंग से पानी के रिसाव हो सकता है। उत्तराखंड जल विद्युत निगम यानि युजेवीएन को ग्रामीणों की और से इस आशंका से अवगत करवाए जाने की सूचना भी है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक वर्ष 1975 में तत्त्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार ने तमसा नदी पर छिबरोउ जल विद्युत परियोजना का निर्माण किया था। छिबरोउ के बाद खोदरी पावर हाउस के लिए जो सुरंग बनाई गई उससे यह किलौड़ की सुरंग वैकल्पिक सुरंग है। उस समय इसी के माध्यम से मिट्टी व अन्य सामान सुरंग भीतर पहुंचाया गया था, परंतु पावर हाउस आरंभ होने के उपरांत किलौड़ गांव की तरफ से वैकल्पिक सुरंग को बंद कर दिया गया था। इस सुरंग में गेट लगा दिए गए थे। उस समय भी इस गेट से पानी का रिसाव होता रहता था इसलिए उत्तराखंड जल विद्युत निगम ने यहां पर कई कर्मचारी तैनात कर दिए थे। ये कर्मी पानी की मोटर के माध्यम से सुरंग से पानी निकाल देते थे। यहां पर अन्य उपकरण भी लगाए गए थे, परंतु कुछ समय पूर्व निगम ने यहां से उपकरण व कर्मचारी हटा दिए है। उधर, इस बारे तहसीलदार पांवटा बिमला वर्मा ने बताया कि हालांकि उनके पास अभी इस प्रकार की कोई शिकायत नहीं पहुंच है फिर भी यदि ऐसा है तो ग्रामीणों की आशंका को दूर करने के लिए उत्तराखंड के जल विद्युत निगम के अधिकारियों से बात की जाएगी, ताकि ग्रामीणों को भविष्य में किसी प्रकार की कोई दिक्कत न आए।