राजधानी में आंगनबाड़ी वर्कर्ज का धरना
शिमला — आंगनबाड़ी वर्कर्ज एवं हैल्पर्ज यूनियन (संबंधित सीटू) द्वारा डीसी आफिस शिमला के बाहर धरना-प्रदर्शन किया गया। यूनियन ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि वह हरियाणा की तर्ज पर कर्मियों को वेतन दे, नहीं तो आंदोलन तेज किया जाएगा। यूनियन ने ऐलान किया है कि यूनियन द्वारा 28 सितंबर को प्रदेशव्यापी हड़ताल की जाएगी। इस दिन हिमाचल प्रदेश के सभी केंद्र बंद रहेंगे और 37 हजार कर्मी काम बंद रखेंगे। इस दिन शिमला में राज्य स्तरीय रैली की जाएगी। सीटू राज्य सचिव विजेंद्र मेहरा ने मांग की है कि 45वें राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश अनुसार आंगनबाड़ी कर्मियों को पक्का किया जाए। उन्होंने प्रदेश सरकार पर आंगनबाड़ी विरोधी होने का आरोप लगाया। पूरे देश में हिमाचल प्रदेश के आंगनबाड़ी कर्मियों को सबसे कम वेतन मिल रहा है, जबकि पड़ोसी राज्य हरियाणा में 750 और 4500 वेतन मिल रहा है। हिमाचल प्रदेश में यह केवल 345 व 1800 है। प्रदेश सरकार आंगनबाड़ी यूनियन को भी तोड़ने का प्रयास कर रही है, ताकि आंगनबाड़ी की लड़ाई को कमजोर किया जा सके। प्रदर्शन में सीटू राज्य सचिव विजेंद्र मेहरा, कोषाध्यक्ष रमाकांत मिश्रा, मीनाक्षी, मीना देवी, हरदेई, ललिता, बबीता, कला, दिव्या, गीता, किरण, लता, मीना, मीरा, पूर्वी, पुष्पा, रीना, रीटा, संध्या, शीतल, सुनीता और सुषमा मौजूद रहे। आंगनबाड़ी वर्कर्ज ने सरकार को दो टूक कह डाला है कि जब तक उनकी मांगों को माना नहीं जाएगा आंदोलन जारी रहेगा।