ग्रामीण रूटों पर नहीं दौड़ रही एचआरटीसी
रिकांगपिओ – जनजातीय जिला किन्नौर में पिछले दो दिनों की भारी बर्फबारी के बाद शुक्रवार को बर्फबारी का दौर थम गया है, लेकिन संपूर्ण जिला किन्नौर शीतलहर की चपेट में आ गई है। बर्फबारी के बाद जिला काअपर किन्नौर अभी भी बर्फ की कैद से आजाद नहीं हो पाया है। ऐसे में अपर किन्नौर के ग्रामीण क्षेत्रों में संपर्क सड़क मार्ग पूरी तरह से अवरुद्ध है, जहां सड़क मार्ग अवरुद्ध है, वहीं दो दिनों से बिजली की आपूर्ति भी पूरी तरह से ठप है। बर्फबारी से जिला के ग्रामीण क्षेत्र पूर्ण रूप से ब्लैक आउट बना हुआ है। जानकारी के अनुसार बर्फबारी के बाद जिला मुख्यालय से शिमला की ओर बस सेवा फिर शुरू हो गई है, लेकिन काजा तथा अपर किन्नौर के लिए बस सेवा ठप है। राष्ट्रीय उच्च मार्ग-पांच पांगी-नाला व पूर्बनी झूला के पास ल्हासा गिरने के कारण बस सेवा ठप है। इस तरह से बर्फबारी के बाद जिला के सांगला वैली, कल्पा, रोघी, बारंग, ठंगी, लिप्पा असरंग, मूरंग, नेसंग, रोपी वैली, पूह, हांगों व चुलिंग आदि ग्रामीण रूट पूर्ण रूप से अवरुद्ध हुआ है। अपर किन्नौर में दो दिनों से बिजली गुल होने से लोगों के मोबाइल फोन भी अब शोपीस बनकर रह गए हैं। जिला के अंतिम गांव छितकुल में लगभग तीन फुट, रकछम में अढ़ाई फुट, सांगला मेंे डेढ़ फुट, कल्पा में अढ़ाई फुट, रिकांगपिओं में एक फुट, मूरंग में एक फुट, रोपा में तीन फुट, सुन्नम में दो फुट तथा पूह में लगभग एक फुट बर्फबारी दर्ज की गई। जिला भर में हुई बर्फबारी से किसान बागवान खुश है। गौर रहे कि पिछले वर्ष जिला किन्नौर के किसान-बागबान बर्फबारी के लिए तरस गए थे, लेकिन इस वर्ष जमकर हुई बर्फबारी के बाद किसान-बागबानों को इस वर्ष नकदी फसल के अधिक होने की भी उम्मीद जग गई है।
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