घंटों के काम को लग रहे कई दिन
भावानगर – जिला किन्नौर में प्रदेश सरकार के कर्मचारी हितैषी होने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। विद्युत बोर्ड, जैसे अहम विभाग में कर्मचारियों की कमी के कारण मामूली से काम को करने के लिए घंटो की बजाय दिनों का समय लग रहा है। विशेषकर बर्फबारी व बरसात में कर्मचारियों को सेवाएं बहाल करने के लिए दिन-रात एक करना पड़ रहा है, लेकिन बिजली बोर्ड प्रबंधन के नकारात्मक रवैये के कारण कर्मचारियों का मनोबल गिर रहा है। हालांकि विद्युत बोर्ड के मुखिया जनजातीय क्षेत्र से संबंधित हैं, लेकिन विद्युत बोर्ड के जनजातीय जिला में सेवाएं दे रहे कर्मचारियों की मूलभूत सुविधाओं के मसले सुलझाने में विफल ही साबित हुए हैं। जानकारी के अनुसार जनजातीय क्षेत्र के कर्मचारियों को बर्फबारी के सीजन में काम करने के लिए मिलने वाली स्नोकिट पिछले तीन सालों से नहीं मिल पाई है, जबकि क्षेत्र के अधिकारी फाइल उच्चाधिकारियों तक पहुंचाने का दावा कर मामले से अनभिज्ञता जाहिर कर रहे हैं। वहीं इस सीजन के भारी बर्फबारी में शिमला शहर में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मचारियों को पुरस्कृत करने के लिए घोषणा की जा रही है, जिसका कर्मचारी स्वागत करते हैं, लेकिन दूरदराज व जनजातीय क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे कर्मचारियों के टीए बिलों का पिछले दो सालों से भुगतान नहीं हो पाया है। बोर्ड की अफसरशाही व बाबूगिरी कर्मचारियों पर भारी पड़ती नजर आ रही है, जिससे कर्मचारियों का मनोबल गिर रहा है। विद्युत बोर्ड में तकनीकी कर्मचारियों की कमी के कारण सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं, जिसका ताजा उदाहरण है भावानगर विद्युत उपमंडल का कटगांव सेक्शन। इस सेक्शन में चार पंचायतों नाथपा, कटगांव, काफनू, यांगपा के हजारों उपभोक्ताओं का दायित्व मात्र तीन कर्मचारियों के हवाले है, जिसमें एक लाइनमैन ,एक एएलएम व एक टीमेट है। इन कर्मचारियों के अधीन 30 किलोमीटर एचटी लाइन व 22 टासफार्मर सहित एलटी लाइन है, जबकि नियमानुसार तीन से चार टासफार्मर पर एक लाइनमैन की नियुक्ति का प्रावधान है। कर्मचारियों के अभाव में क्षेत्र के युवा भी बिजली बहाली के लिए जान जोखिम में डालकर सहयोग कर रहे हैं। इस सेक्शन में पूर्व में तैनात कर्मचारियों के रिटायर व ट्रांसफर के बाद लगातार कर्मियों की संख्या घट कर तीन रह गई है, जबकि इस सेक्शन में नियुक्ति के लिए आने वाले कर्मचारी दुर्गम होने के कारण ऊपरी क्षेत्रों में न पंहुच पाने के चलते निचले क्षेत्रों में ही तैनानी ले लेते हैं, जिससे यहां पर तैनात कर्मचारियों को कार्य का भारी दबाव झेलना पड़ रहा है।
Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also, Download our Android App or iOS App