तीन जिलों में जन्म पर ही आधार

By: Jan 5th, 2017 12:01 am

शिमला — बच्चों के आधार कार्ड बनाने के लिए अभिभावकों को अब लंबी लाइनों में जाकर माथापच्ची नहीं करनी पड़ेगी। अब नवजात के जन्म लेते ही उसके बर्थ रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ आधार का भी पंजीकरण किया जाएगा। पायलट आधार पर यह योजना प्रदेश के तीन जिलों में शुरू की गई हैं। इसमें शिमला, कुल्लू और हमीरपुर शामिल हैं। शिमला में बुधवार को आधार लिंक्ड बर्थ रजिस्ट्रेशन प्रोग्राम दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल से शुरू किया गया। इस दौरान सीएमओ शिमला डाक्टर नीरज मित्तल और एमएस रंजना राव भी मौके पर मौजूद रहे। सीएमओ शिमला डाक्टर नीरज मित्तल ने बताया कि शिमला में 18 जगह पर यह सुविधा मिलेगी। उन्होंने बताया कि इनमें स्वास्थ्य केंद्र रिपन, केएनएच समेत वे केंद्र हैं, जहां पर प्रसव की सुविधा उपलब्ध है। इस योजना के तहत विशेष तौर पर आपरेटरों को प्रशिक्षण देकर उन्हें आधार बनाने के लिए तैयार किया गया है। प्रशिक्षण के बाद इन आपरेटर्ज को टैब दिए गए हैं। इसके तहत जब बच्चे का जन्म होगा तो जन्म पंजीकरण का फार्म भरने के साथ ही टैब में नवजात के माता या पिता का आधार नंबर डालेंगे। इसके आधार नंबर के साथ ही नवजात से जुड़ी सभी जानकारियां टैब में अपलोड हो जाएंगी। इसमें बच्चे के माता-पिता, घर का पता और उसके लिंग संबंधी जानकारी होगी। इसके बाद अगले चरण में टैब के साथ जुड़ी मिनी बायोमिट्रिक मशीन के जरिए माता या पिता के फिंगर प्रिंट लेकर आधार नंबर की वेरिफिकेशन की जाएगी। पंजीकरण होने के 15 से 20 दिनों के भीतर ही नवजात के अभिभावकों के पते पर बच्चे का आधार कार्ड बाई पोस्ट पहुंच जाएगा।

अस्पतालों में सिर्फ नवजात को सुविधा

सीएमओ शिमला डाक्टर नीरज मित्तल ने बताया कि जिला शिमला में उन 18 केंद्रों में यह पंजीकरण जरूरी होगा जहां पर प्रसव कराने की सुविधा है। उन्होंने साफ किया कि अस्पतालों में केवल नवजात बच्चों के ही आधार बनाए जाएंगे। नवजात का जो आधार बनेगा उसे अभिभावकों को पांच साल बाद अपडेट कराना होगा।


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