नए वेतनमान को लंबा हुआ इंतजार
शिमला— पड़ोसी राज्य पंजाब में चुनाव की घोषणा होते ही हिमाचल के लगभग अढ़ाई लाख कर्मचारी भी सकते में पड़ गए हैं। हिमाचल के कर्मचारियों को बेसब्री के साथ इस बात का इंतजार था कि पंजाब की सरकार वहां के कर्मचारियों को नया वेतनमान घोषित कर देगी, परंतु ऐसा नहीं हो सका है और चुनाव आयोग ने वहां पर चुनाव की घोषणा कर दी है। वहां आचार संहिता लगने के साथ न केवल पंजाब, बल्कि हिमाचल के कर्मचारी भी परेशान हैं, क्योंकि अब अगली सरकार न जाने कब नया वेतनमान घोषित करे। पंजाब में अब नई सरकार के पास समय होगा कि वह नए सिरे से कर्मचारियों के लिए वेतनमान क रिपोर्ट तैयार करे और उसे लागू करे। कर्मचारी इस ताक में थे कि निवर्तमान सरकार ही उन्हें सातवें वेतनमान आयोग की सिफारिशें लागू कर दे। इससे अभी से कर्मचारियों को वह लाभ मिल जाता और यहां हिमाचल की सरकार पर भी इसका दबाव रहता कि वह आगामी बजट में कर्मचारियों के लिए वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करे। पंजाब में अभी तक सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट तक पेश नहीं हो सकी है। पंजाब में जो वेतनमान कर्मचारियों के लिए रहता है, वहीं हिमाचल में भी दिया जाता है। यहां बता दें कि केंद्र सरकार पहले ही अपने कर्मचारियों के लिए वेतन आयोग की सिफारिशें लागू कर चुकी हैं और अब राज्यों को अपने-अपने वेतनमान आयोग की सिफारिशें देनी थीं। अब कर्मचारियों को इंतजार ही करना होगा और ये इंतजार कितना लंबा खिंचेगा, यह कहा नहीं जा सकता। वहीं कर्मचारियों को नया वेतनमान देने का एक विकल्प यह हो सकता है कि पंजाब की निवर्तमान सरकार चुनाव आयोग से विशेष इजाजत ले, मगर इसकी संभावनाएं कम ही दिखाई दे रही हैं। इससे लाखों कर्मचारियों को लाभ होगा और इसका फायदा राजनीतिक तौर पर हो सकता है।
बादल को हराने जाएंगे पंजाब
प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष एसएस जोगटा ने ऐलान किया है कि वह पंजाब की कर्मचारी विरोधी रही बादल सरकार को अगले चुनाव में हराने के लिए पंजाब का रुख करेंगे। हिमाचल के कर्मचारी उनके खिलाफ प्रचार में उनका सहयोग देंगे।
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