यूजीसी के कहे पर एमफिल-पीएचडी
एचपीयू में नियम 2016 के तहत दिया जाएगा दाखिला
शिमला – एचपीयू में एमफिल, पीएचडी छात्रों को प्रवेश अब नियम 2016 के तहत ही दिया जाएगा। एचपीयू ने एमफिल, पीएचडी में प्रवेश के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियम लागू करने की मंजूरी दे दी है। अब इस नियम के तहत एचपीयू के विभागों में एमफिल, पीएचडी में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा विवि प्रशासन करवाएगा। इसमें विवि केवल उन अभ्यर्थियों को बिना प्रवेश परीक्षा के प्रवेश देगा, जिन्होंने जूनियर रिसर्च फेलोशिप कि परीक्षा उत्तीर्ण की हो या जो छात्र विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से दी जाने वाली फेलोशिप के तहत आते हों। इसमें राजीव गांधी फेलोशिप के अलावा एससी एसटी छात्रों को दी जान वाली फेलोशिप के साथ स्वामी विवेकानंद एकल बालिका फेलोशिप के साथ कुछ अन्य फेलोशिप शामिल हैं। इन सब फेलोशिप के तहत आने वाले छात्रों को एमफिल और पीएचडी में प्रवेश सीधा मिलेगा, जबकि नेट और सेट उत्तीर्ण छात्रों को प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा देना अनिवार्य होगा। एचपीयू में शोधरत महिला अभ्यर्थियों को शोध कार्य करने के लिए अब सामान्य तय अवधि से अतिरिक्त समय शोध कार्य पूरा करने के लिए दिया जाएगा। महिला शोधार्थियों को समय अवधि में अतिरिक्त समय की यह छूट एचपीयू की ओर से यूजीसी के नियमों को मंजूरी देने के बाद प्रदान की जाएगी। नियमों में यूजीसी ने महिला शोधार्थियों के शोध कार्य को बढ़ावा देने के लिए शोध पाठ्यक्रम की अवधि में छूट प्रदान करने का नियम लागू किया है।
गाइड-छात्रों की संख्या भी तय
यूजीसी के विनियम 2016 में किसी एक समय में कोई भी आचार्य तीन एमफिल, आठ पीएचडी शोधार्थियों का मार्गदर्शन करेगा। सह आचार्य के लिए यह संख्या एमफिल में दो और पीएचडी में छह निर्धारित होगी। सहायिकाचार्य के लिए एमफिल में एक और पीएचडी में चार रहेंगी। विश्वविद्यालय में आम छात्रों के लिए भी एमफिल/पीएचडी की समय अवधि में बदलाव किया गया है। पीएचडी कोर्स पूरा करने की अवधिअवधि बढ़ाकर छह वर्ष कर दिया गया है। इसी के साथ एमफिल कोर्स के लिए एक वर्ष से दो वर्ष कर दी गई है।
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