अधिकारों के साथ कर्त्तव्य भी निभाएं

शिमला  – संविधान ने जहां लोगों के विकास को निरंतर आगे बढ़ाने के लिए सर्वोपरि माना है, वहीं हमें संविधान ने बहुत सी जिम्मेदारियां भी दी हैं, जिन्हें इस समय समझने की नितांत आवश्यकता है। यह बात विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एडीएन बाजपेयी ने विश्वविद्यालय परिसर में 68वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण के बाद विवि समुदाय को संबोधित करते हुए कही। स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे देश के वीर सैनिकों की सुरक्षा में हम आजादी से अपना जीवन जी रहे हैं और हमारा कर्त्तव्य बनता है कि स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा उनके अथक प्रयासों से प्राप्त हुई स्वतंत्रता को हम गणतंत्र दिवस के अवसर पर बनाए रखने की प्रतिज्ञा लें तथा देश की सीमा पर तैनात सैनिकों और सुरक्षा कर्मियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर भारतवर्ष को विकास के नए शिखरों पर पहुंचाने की शपथ लें। कुलपति ने कहा कि भारतवर्ष ने विश्वगुरु के रूप में हमें बहुत कुछ दिया है, लेकिन भारतवर्ष में कोई भी प्रतिष्ठित संस्थान विश्व के पहले 200 संस्थानों में नहीं है, जबकि विश्व के ऐसे संस्थानों में कार्य करने वाले अधिकतर वैज्ञानिक, चिकित्सक, विद्वान और प्राध्यापक भारतवर्ष से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि भारतवर्ष में मेहनती और कर्मठ लोगों की कमी नहीं है, किंतु इस समय आवश्यकता उस विद्वता को सही दिशा में ले जाने की है। प्रो. एडीएन बाजपेयी ने कहा कि विश्वविद्यालय ने पिछले करीब पांच वर्षों में कई नवाचार किए हैं तथा शैक्षणिक स्तर पर विश्वविद्यालय को आगे ले जाने के लिए नई योजनाएं बनाई हैं। उन्होंने संपर्ण विश्वविद्यालय समुदाय का आह्वान किया कि वे एकजुट होकर विश्वविद्यालय के शैक्षणिक विकास को बढ़ावा देने तथा विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा व गरिमा बनाए रखने में प्रयास करें। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय समुदाय के कर्मठ प्रयासों से जहां नैक द्वारा ‘ए’ ग्रेड प्रदान किया गया वहीं भविष्य में इससे भी बेहतर ग्रेड के लिए कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि सभी को मिलकर कठिन परिश्रम करना होगा तथा अनुशासन, समयबद्धता तथा समय पर कार्य के निष्पादन के लिए प्रयास करने होंगे।

ये रहे मौजूद

इस अवसर पर प्रति कुलपति प्रो. राजेंद्र सिंह चौहान, अधिष्ठाता अध्ययन प्रो. गिरिजा शर्मा, कुलसचिव डा. पंकज ललित, डा. जेएस नेगी, पुलिस उप अधीक्षक, सुरेश चौहान, कई अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, निदेशक, प्राध्यापकवर्ग, अधिकारी एवं कर्मचारी वर्ग, पूर्व कार्यकारिणी परिषद सदस्य चौ. वरयाम सिंह वैंस, पूर्व बैंक अधिकारी केके शर्मा, ईसी सदस्य राजकुमारी, कोर्ट सदस्य कुलदीप कुमार, संघों के पदाधिकारी और छात्र भी उपस्थित थे।