इटालियन सेब रूट स्टॉक का होगा टेस्ट

पतलीकूहल  – विश्व बैंक की बागबानी विकास योजना के तहत इटली से आयातित करीब 10 करोड़ रुपए की लागत से एक लाख सेब रूट स्टॉक में पाई जाने वाले खतरनाक बीमारी व वायरस का खुलासा होने में प्रदेश के बागबानों में हड़कंप मच गया था। इस संदर्भ वाईएस परमार वानिकी एवं बागबानी विश्वविद्यालय के उपकुलपति डा. एचसी शर्मा ने बताया कि इस रूट स्टॉक का टेस्ट पादप रोग प्रयोगशाला में विश्वविद्यालय के बागबानी पादप रोग विशेषज्ञ द्वारा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कुछ टेस्ट करने के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचा जाएगा । जब इसमें कोई वायरस व बेकटेरियल बीमारी का पता चलेगा इसे नष्ट करना है या नहीं, इसकी रिपोर्ट दी जाएगी।   गत वर्ष  बागबानी विकास योजना के तहत विश्व बैंक की सहायता से इटली से आयातित एक लाख रूट स्टॉक, जिसकी लागत 10 करोड़ के करीब आंकी गई है, इसमें पाए जाने वाली बीमारी की जानकारी बागबानों को अखबारों के माध्यम से प्राप्त हुई है। प्रदेश का बागबान कुछ वर्षों से ग्लोबल वार्मिंग व पहले स्कैब जैसे रोगों से भारी नुक सान का भागीदार बन चुका है। यदि उसे विदेश से आयातित बीमारी व वायरस वाले रूट स्टॉक से तैयार होने वाले स्पर वैरायटी के पौधे मिलेंगे तो इससे अर्थव्यवस्था पर भारी संकट पहुंचेगा।  इस संदर्भ में बागबानी विश्वविद्यालय के पादप रोग प्रयोगशाला में इस रूट स्टॉक का टेस्ट किया जाना है तथा उसके बाद ही आयातित रूट स्टॉक में पाई जाने वाले वायरस व बैकटेरियल बीमारी का सही पता चलेगा। सुत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार रूट स्टॉक में एक आध जगह पर कुछ बीमारी के लक्षण पाए गए हैं, लेकिन बागबानी विश्वविद्यालय पुनः इस खेप का गहनता से निरीक्षण व परीक्षण कर रिपोर्ट देने में सक्षम होगा।