ऐसी गलियों में कैसे रखेंगे कदम…

नालागढ़ —  नालागढ़ की सड़कों पर चलना संभल कर, यहां गाड़ी ही नहीं, अपितु पैदल चलना भी मुश्किलों भरा है। बारिश हो तो सड़कें कीचड़ से पूरी तरह से भर जाती हैं और यदि मौसम साफ हो तो धूल-मिट्टी के उड़ते कणों के साथ गड्ढों से भरी सड़कों का सामना करना पड़ता है। नालागढ़ शहर के लोग सबसे अधिक परेशानी क्षेत्र की खस्ताहालत सड़कों से भुगत रहे हैं, क्योंकि शहर में बिछ रही सीवरेज के कारण शहर की हर गली व सड़कें पूरी तरह से उखाड़ दी गई हैं, जिससे मिट्टी के ढेर लगने के बाद बारिश होने पर यह कीचड़ से भर जाती हैं। कई सड़कें नालियां बंद होने से सड़कों ने तालाब का रूप धारण कर लेती हैं, वहीं सड़कों में गड्ढे उभर आए हैं। बता दें कि नालागढ़ शहर में करीब 30 हजार आबादी बसती है और यहां स्थानीय लोगों के अलावा उद्योगों में काम करने वाले कामगारों ने भी रिहायशी मकान किराए पर ले रखे हैं।  नालागढ़ शहर में 20.99 करोड़ की लागत से सीवरेज का कार्य शुरू हो गया है और सरसा नदी के पास बेला गांव में ट्रीटमेंट प्लांट के बाद शहर में इसकी पाइप लाइन बिछाई जा रही है। इसके चलते शहर की सड़कों व गलियों की खुदाई की गई है और अब सीवरेज के चैंबर बनने के कारण शहर की सड़कें पूरी तरह से उखड़ चुकी हैं। इन सड़कों पर चलना भी मुसीबत है। उधर, नगर परिषद अध्यक्ष महेश गौतम ने कहा कि शहर की कई सड़कों की मरम्मत का कार्य चला हुआ है और कई सड़कों व गलियों को दुरुस्त बनाने के टेंडर लगाए जा रहे हैं। जल्द ही शहर की सभी सड़कें व गलियों  की मरम्मत कर दी जाएगी। बहरहाल खस्ताहाल सड़कों के कारण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।