कहां अटक गया हमीरपुर का बस स्टैंड

हमीरपुर  —  बस अड्डा हमीरपुर बसों के आगे छोटा पड़ गया है। अड्डे में जरूरत से ज्यादा बसों के चलते जाम की स्थिति बन रही है, जिसे यातायात पुलिस को भी कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा है। निगम को अपनी बसें वर्कशॉप या फिर नए बस अड्डे की भूमि पर पार्क की जा रही हैं। इसके अलावा सड़कों के किनारे भी बसों को मजबूरन पार्क किया जा रहा है। एचआरटीसी हमीरपुर डिपो में बस अड्डे का निर्माण कार्य पिछले चार वर्षों से लटका हुआ है। नए बस अड्डे का निर्माण जिला मुख्यालय के साथ लगते बाइपास में किया जाना है। 28 हजार 302 वर्ग मीटर क्षेत्र में बस अड्डे का निर्माण होना है। भूमि संबंधित पूरी औपचारिकताएं कर ली गई हैं। इसके बावजूद बस अड्डे का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। हमीरपुर डिपो में करीब 160 बसें हैं, जिनमें 50 लोअर फ्लोर बसें, दो दर्जन टाटा की नई बसें और चार वोल्वो बसें शामिल हैं, जो कि बस अड्डा छोटा पड़ने के चलते वर्कशॉप, अड्डे के लिए चिन्हित भूमि बाइपास में और सड़क के किनारे मजबूरन पार्क की जा रही हैं। निगम की करोड़ों की संपत्ति सड़क के किनारे ही धूल फांक रही है।

शिमला की तर्ज पर बनेगा नया बस स्टैंड

सूत्रों की मानें तो नया बस अड्डा शिमला बस अड्डा की तर्ज पर बनाया जाएगा। इसमें सबसे ऊपरी मंजिल लांग रूट की बसों के लिए और बीच वाली मंजिल लोकल बसों के लिए बनाई जाएगी। इसके अलावा बस में यात्रियों को आने-जाने के लिए लिफ्ट का भी प्रबंध किया जाना था, लेकिन अभी तक बस अड्डे के टेंडर नहीं हो पाए हैं।

तीन बार टेंडर कॉल, एक भी आवेदन नहीं आया

बताया जा रहा है कि निगम प्रबंधन ने बस अड्डे के निर्माण के लिए तीन बार टेंडर कॉल की थी, लेकिन किसी भी निर्माण कंपनी ने अभी तक आवेदन नहीं किया है। प्रबंधन ने भी प्रदेश सरकार को बस अड्डा निर्माण के बारे में प्रोपोजल भेज दी है।