काठ की हांडी हर बार नहीं चढ़ती

By: Jan 29th, 2017 12:04 am

NEWSशिमला— कांग्रेस की झूठे वादों के सहारे सरकार बनाने की मंशा पूरी नहीं होगी, क्योंकि काठ की हांडी हर बार नहीं चढ़ती। नेता प्रतिपक्ष प्रो. प्रेम कुमार धूमल का कहना है कि प्रदेश के विभिन्न विभागों को मिल रही केंद्रीय आर्थिक सहायता को प्रदेश सरकार उपयोग में लाने में असफल साबित हो रही है। यह धन या तो बिना उपयोग के विभागीय खातों में पड़ा है या फिर वापस हो रहा है। सरकार की इस लापरवाही से भविष्य में प्रदेश को मिलने वाली धनराशि में कटौती होगी, जिससे निश्चित रूप से प्रदेश व जनता को बड़ा नुकसान होगा। पिछले अढ़ाई वर्षों में अकेले केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग ही 1500 करोड़ रुपए से अधिक धन का प्रावधान प्रदेश के लिए कर चुका है। बावजूद इसके प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के लचर हालात किसी से छिपे नहीं हैं। श्री धूमल ने कहा कि औषधि विनियामक ढांचे के सुदृढ़ीकरण के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा द्वारा 30 करोड़ जारी करना एक सराहनीय कदम है, जिससे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा, परंतु इस धन का समुचित उपयोग प्रदेश सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए, क्योंकि इससे पूर्व भी प्रदेश सरकार मेडिकल कालेज शिमला, टांडा व जोनल अस्पताल मंडी सहित अन्य स्थानों पर मंजूर की गई कई योजनाओं की डीपीआर बनाने में असफल रही है। उन्होंने कहा कि लगभग यही हालात ग्रामीण विकास व पंचायतीराज मंत्रालय के भी हैं। हाल में ही लगभग 100 करोड़ रुपए की धनराशि मनरेगा के तहत प्रदेश सरकार को मिली है, परंतु विभाग के ढुलमुल रवैये के चलते समय पर असेस्मेंट व कंप्लीशन रिपोर्ट न भेजे जाने से यह पैसा जनता को नहीं मिल पा रहा है। इसी के साथ मनरेगा के तहत कार्यरत लोगों की दिहाड़ी पड़ोसी राज्य हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ में 250 रुपए के आसपास है, पर हिमाचल में अभी तक यह राशि 170 रुपए है, जबकि अपने घोषणा पत्र में कांग्रेस ने वादा किया था कि प्रदेश में 200 रुपए दिहाड़ी सुनिश्चित की जाएगी। प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के तहत देशभर में 80 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, परंतु प्रदेश में इस योजना को सही ढंग से कार्यान्वित न करके प्रदेश के किसान इस योजना का फायदा नहीं उठा पा रहे हैं।


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