किसानों ने घेरी दोनों सरकारें

नाहन —  हिमाचल किसान सभा जिला सिरमौर का 9वां त्रैवार्षिक संगठनिक सम्मेलन रमेश वर्मा, जगदीश शर्मा, ओम प्रकाश, आशा ठाकुर की चार सदस्यीय अध्यक्ष मंडल की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। सम्मेलन में उद्घाटन भाषण देते हुए राज्य किसान सभा के अध्यक्ष डा. कुलदीप सिंह तन्वर ने कहा कि आज किसानों की हालत इतनी दयनीय हो गई है जो कि आज से पहले कभी नहीं थी। उन्होंने इसके लिए केंद्र की मोदी सरकार व प्रदेश की वीरभद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने सत्ता में आने से पहले बड़े-बड़े सब्जबाग दिखाए, मगर सत्ता में आने के बाद स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें जिनके तहत किसानों को उनकी फसल की लागत प्लस 50 जोड़कर लाभकारी मूल्य मिलना था तो दिया नहीं उपर से जो नोटबंदी की गई उसके चलते किसानों को अपनी फसलों को सड़कों पर गेरने को मजबूर किया गया। केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के चलते किसानों को आत्महत्या में पिछले अढ़ाई वर्षों में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। किसान सभा सम्मेलन में सभा के जिला महासचिव गुरविंद्र सिंह ने संगठन की तीन वर्षों की उपलब्धियों व गतिविधियों की रिपोर्ट रखी तथा आगामी समय तीन वर्षों की योजना सम्मेलन में पेश की, जिसको सर्वसम्मति से सम्मेलन में आए जिला भर से सैकड़ों प्रतिनिधि किसानों ने प्रस्ताव पारित किए। सम्मेलन में जंगली जानवरों की समस्या, ददाहू, पांवटा, नाहन तहसीलों को वर्मिंग श्रेणी में शामिल करना, भूमि से बेदखली रोकना व कब्जों को बहाल करना, मनरेगा में बजट बढ़ाना व मनरेगा मजदूरों की दिहाड़ी 300 रुपए तक बढ़ाने, अनाज मंडियों को हरियाणा पंजाब की तर्ज पर गेहूं व धान खरीद करने, हाटी क्षेत्र को जनजातीय घोषित करवाने आदि प्रस्ताव पारित किए गए। सम्मेलन में 25 सदस्यीय जिला कमेटी का चुनाव किया गया, जिसमें अध्यक्ष रमेश वर्मा, महासचिव गुरविंद्र सिंह, कोषाध्यक्ष विश्वनाथ शर्मा, सतपाल मान उपाध्यक्ष व प्रेस सचिव, उपाध्यक्ष आशा ठाकुर, दलीप तोमर, सहसचिव बीरबल, हरि सिंह डोगरा, अमर चंद को चुना गया तथा संगड़ाह से जोगिंद्र, बाबू नारायण, नाहन से बलदेव, जगदीश पुंडीर, सराहां से जगदीश शर्मा, रामलाल, पांवटा से ओम प्रकाश व जगदीश चंद, नरेश, सोमनाथ, दारा सिंह, अली जान, गुलाब सिंह, सतेंद्र नेहरू को कार्यकारिणी सदस्य चुना गया।