छह महीने से नहीं हो रहे एक्स-रे

बद्दी  —  निर्धन कामगारों के स्वास्थ्य की देखभाल करने वाला ईएसआईसी अस्पताल बद्दी खुद खस्ताहाल नजर आ रहा है। आए दिन अव्यवस्थाओं को लेकर सुर्खियों में रहने वाले ईएसआईसी में पिछले छह माह से कीमती एक्स-रे मशीन धूल फांक रही है, लेकिन उसे ठीक करवाने की जहमत नहीं उठाई गई। गौर हो कि पिछले छह माह से अब तक हजारों कामगारों को निजी अस्पतालों के चक्कर काटने पड़े हैं, लेकिन अब तक प्रबंधन ने इसे दुरुस्त करवाने का कोई कदम नहीं उठाया है। ईएसआईसी अस्तपाल में करीबन 20 लाख की कीमत की यह मशीन खराब है। यहां हर माह में करीब 500 एक्स-रे होते हैं, मगर अस्पताल प्रबंधन को इसकी परवाह ही नहीं है। गौर हो कि बीबीएन में अधिकतर मामले सड़क दुर्घटनाओं के पंजीकृत होते हैं, जिसमें हाथ, पांव व अन्य अंगों के टूटने के मामले आते हैं। अस्पताल में किसी बीमारी का इलाज नहीं होने पर मरीजों को मान्यता प्राप्त अस्पतालों में निःशुल्क उपचार की सुविधा उपलब्ध है, मगर उसके लिए प्रक्रिया यहां टेढ़ी है। ईएसआईसी उपभोक्ताओं ने बताया कि जब उन्हें यहां एक्स-रे उपलब्ध नहीं हुआ तो उन्हें रैफर करने का मशविरा दिया गया।  उपभोक्ता नीरज व अशोक शर्मा ने बताया कि ईएसआईसी अस्पताल में कभी एमएस अवकाश पर होती हैं तो कभी डिप्टी एमएस। ऐसे में रैफरल केस में भी छोटी सी बीमारी के उपचार के लिए उन्हें दो से तीन दिन बर्बाद करने पड़ते हैं। डिप्टी मेडिकल सुपरिंटेंडेंट सुनीता चोपड़ा ने बताया कि वह अवकाश पर हैं। एमएस भी अवकाश पर हैं और सोमवार को इसकी जानकारी दे पाएंगे। एक्स-रे मशीन पिछले कुछ महीनों से खराब है, लेकिन उसकी सही जानकारी एमएस दे पाएंगी।