जमीनी पेंच में फंस गया बड़सर का फायर स्टेशन

गारली  – उपमंडल बड़सर में फायर स्टेशन का पेंच भूमि चयन में अटक गया है। क्षेत्र में अग्निशमन विभाग को फायर स्टेशन खोलने के लिए उपयुक्त भूमि नहीं मिल पा रही है। भूमि चयनित न होने के कारण फायर स्टेशन निर्माण का इंतजार दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। लंबे समय से चल रही भूमि चयन की कवायद सिरे नहीं चढ़ पा रही है। दो बार भूमि चयन के लिए किए गए प्रयास विफल रहे हैं। फायर स्टेशन खोलने के लिए वन विभाग की मंजूरी पर अब फायर स्टेशन निर्माण का मामला अटका है, जिस भूमि का निरीक्षण किया गया है, वहां पर वन संपदा अधिक है। पेड़ों के कटान की अनुमति वन विभाग से लेने की औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। बताते चलें कि बड़सर क्षेत्र के लोग फायर स्टेशन की सुविधा से वंचित हैं। वन क्षेत्र अधिक होने के कारण यहां आगजनी की बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं। इसी के मद्देनजर यहां फायर स्टेशन खोलने का निर्णय लिया गया है। फिलहाल निर्माण कार्य भूमि चयन पर टिका है। लंबे समय से भूमि उपलब्ध न हो पाने के कारण कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है। अग्निशमन विभाग कई बार बड़सर में भूमि चयनित करने का प्रयास कर चुका है। आज तक विभाग को भूमि उपलब्ध नहीं हो पाई है। आगजनी की बढ़ती घटनाओं के चलते बड़सर में अग्निशमन चौकी खोला जाना प्रस्तावित है। इसके लिए राज्य सरकार ने भी मंजूरी प्रदान कर दी है। जमीन का पेंच फायर स्टेशन निर्माण में बाधा बना हुआ है। भूमि उपलब्ध न होने के कारण यहां फायर स्टेशन खोलना संभव नहीं हो पा रहा। हालांकि लोग लगातार यहां पर अग्निशमन केंद्र खोलने की मांग कर रहे हैं।

उपमंडल में गर्मियों में होती है ज्यादा दिक्कत

हर वर्ष गर्मियों के मौसम में आगजनी की घटनाएं होती रही हैं। उपमंडल में कोई भी दमकल चौकी न होने के कारण कई बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं। इस कारण बड़सर, बणी, बल्याह व कुर्याह के जंगलों में आग लगने से लाखों की प्राकृतिक संपदा स्वाह हो गई। जब तक आग लगने की सूचना जिला मुख्यालय तक पहुंची है, तब तक सारी संपत्ति राख हो जाती है। बड़सर में कुल 48 पंचायतें हैं और इनमें कई अग्निकांड हो चुके हैं।