जाबल के नारायण देवता मंदिर में मनाया माणा उत्सव

रोहड़ू— रोहड़ू के जाबल के नारायण देवता मं आयोजित होने वाला ऐतिहासिक उत्सव माणा बुधवार को परंपरागत रूप से मनाया गया। इस अवसर पर जिगाह क्षेत्र के 35 गावों के सैकड़ों लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाकर शोभा बढ़ाई। नारायण देवता के इस धार्मिक अनुष्ठान को सदियों से मनाए जाने की परंपरा है, जो हर तीसरे साल होता है। अनुष्ठान की शुरुआत दोपहर बाद देवता सहिब के मंदिर प्रांगण से शुरू होती है, जिसके बाद पाटा नामक खेत में देवता के गूर क्षेत्र के विभिन्न विशिष्ट खानदानों से अपना भाग मांगते हैं। इसके बाद सैकड़ों देवलुओं, गूर, गाना एवं साज-बाज के साथ ऐतिहासिक जलियारी मंदिर की ओर से जाते हैं, जिसका एक विशेष ऐतिहासिक महत्त्व है। इस स्थान पर बने मंदिर के प्रति लोगों की मान्यता है कि यहां पर हजारों साल पहले मां और बेटी बाथू की फसल की गुड़ाई करते हुए मर गई थीं, जिसे क्षेत्रवासियों ने देविय प्रकोप माना और उनकी आत्मिक शांति के लिए मंदिर बनाकर एक साल बाद 28 गत्ते पोश के दिन यह उत्सव श्राद के रूप में मनाना शुरू किया। इस उत्सव में गाना क्षेत्र के 35 गांवों का दौरा एक माह से करता है। गाना के साथ तीन देवता के निरोली भी मौजूद रहते हैं। गाना इन्हीं तीन लोगों की पीठ में जाकर अपनी एक माह की मेहमानी व यात्रा पूर्ण करता है। यह हैरान और देव शक्ति का प्रतीक ही है कि गाना की आयु तीन साल से अधिक नहीं होती है।