झील में प्रदूषण रोकने को चलाई सोलर बोट

चंडीगढ़— चंडीगढ़ स्थित सुखना झील में सौर ऊर्जा से चालित 20 पैक्स क्रुज बोट का पहला ट्रायल सफल हुआ। कोच्चि की कंपनी नैवाल्ट ने राज्य सरकार की सहमति से सौर ऊर्जा चालित बोट का पहला सफल परीक्षण किया। इस बोट में दो पतवार हैं। इसके चलते बोट का संतुलन अच्छा रहता है और ऊर्जा की खपत भी कम करती है। इस नौ मीटर लंबे बोट की छत पर दो किलोवाट के सौर ऊर्जा पैनल हैं जो बोट की दोनों पतवारों में स्थित चार किलोवाट की मोटर से जुड़ी हैं।  इस बोट की अधिकतम गति 11 किलोमीटर प्रति घंटा है और कार्बन डाइआक्साइड का उत्सर्जन शून्य है। इसमें एक बार में अधिकतम 20 लोग बैठ सकते हैं। इससे ध्वनि प्रदूषण या वातावरण में प्रदूषण नहीं फैलता है। बोट की सुरक्षा के लिए इसमें 9.6 किलोवाट घंटा सौर ऊर्जा की सील्ड बैटरी इसकी पतवार के बीच में लगाई गई है। इसके चलते खुली धूप वाले दिन में यह बोट लगातार तीन से चार घंटे चल सकती है। सूर्य की रोशनी कम होने पर या मानसून के मौसम में इन बैटरियों को सीधे ग्रिड से भी चार्ज किया जा सकता है।  नैवाल्ट के सीईओ संदित थंडाशेरी ने इस सफलता पर कहा, यह हमारे लिए गर्व का लम्हा है। यह बोट प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया  पहल के तहत बनाई गई है। इसे पेश करते हुए हमें गर्व हो रहा है। हम पंजाब सरकार के आभारी हैं कि उसने हमें हाल में शुरू किए गए हरित पंजाब अभियान का हिस्सा बनने का अवसर प्रदान दिया। हमने पिछले साल ही चंडीगढ़ सरकार को यह बोट मुहैया करवा दी थी, जो अब अभी परिचालित की जा रही है। नैवाल्ट भारत की पहली कंपनी है, जिसने पहली सोलर फेरी बनाई है। इसे जल्द ही पेश किया जाएगा और हमें उम्मीद है कि इसे बहुत सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलेगी।