ट्रक यूनियन का एकाधिकार खत्म हो

By: Jan 31st, 2017 12:01 am

सीआईआई ने बजट से पहले हिमाचल सरकार से की मांग

बीबीएन –  भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने प्रदेश सरकार से आगामी बजट में महंगे मालभाड़े को लेकर उद्योग हित में क दम उठाने की मांग की है। सीआईआई ने वर्ष 2017-18 के बजट से पूर्व हिमाचल प्रदेश सरकार से अपील की है कि राज्य में ट्रक यूनियन के एकाधिकार, संपत्ति कर तथा इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी जैसे गंभीर मुद्दों से निपटने के उपाय बजट में शामिल किए जाएं। सीआईआई ने राज्य सरकार को सोमवार को यह ज्ञापन सौंपा। सीआईआई हिमाचल प्रदेश स्टेट काउंसिल के चेयरमैन संजय खुराना ने कहा कि उद्योग राज्य में मेंटेनेंस तथा एक्स्ट्रा डिवेलपमेंट चार्ज का विभिन्न विभागों को भुगतान करने हैं। हाल ही में म्यूनिसिपल कमेटी ने प्रापर्टी टैक्स को उद्योगों पर लागू करने का फैसला लिया है, जो पूरी तरह से गलत है। भारतीय उद्योग परिसंघ इसका विरोध करता है, क्योंकि इसके चलते राज्य में उद्योगों के लिए मुश्किलें बढ़ेंगी और ऐसे में उद्योगों को इस टैक्स की परिधि से बाहर रखा जाना चाहिए। बजट से पूर्व इस बारे में निवेदन करते हुए सीआईआई की ओर से कहा गया कि राज्य में ट्रक यूनियनों के एकाधिकार को समाप्त किया जाए, ताकि राज्य में उद्योग सही तरीके से पनप और बढ़ सकें। यूनियन के कारण हिमाचल ब्रांड की छवि पहले ही खराब होती आ रही है, जिसके चलते राज्य में नया निवेश कम हो रहा है। उन्होंने अनुरोध किया कि जो उद्योग अपने वाहन लगाकर इनके माध्यम से काम लेना चाहते हैं, उन्हें इसकी अनुमति दी जाए।

…ताकि सर्दियों में न सताए बिजली

सीआईआई स्टेट काउंसिल के वाइस चेयरमैन राजेश साबू ने कहा कि आने वाले बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए विशेष बजट का प्रावधान किया जाना चाहिए, ताकि उद्योग क्षेत्र में मौजूद सड़कों को बेहतर बनाया जा सके। इसके साथ ही राज्य बिजली बोर्ड के माध्यम से इस प्रकार के प्रावधान किए जाएं कि सर्दियों के मौसम में बिजली की किल्लत से उद्योगों को न जूझना पड़े। शिमला, मनाली, डलहौजी आदि महत्त्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में भी कई कई दिनों तक विद्युत आपूर्ति नहीं होती है, जिसके कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।


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