ठंड में बच्चों की देखभाल

बच्चे बड़ों की तरह एक जगह नहीं बैठते हैं इसलिए उन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। सर्दियों में बच्चों को रोज नहलाने की जगह गर्म पानी में कपड़े को भिगोकर उनके शरीर को पोंछ दें। इससे उन्हें ठंड लगने की संभावना कम हो जाएगी।

* अगर बच्चा तीन माह से कम का हो। नाक से पानी आने लगे, धीरे-धीरे गाढ़ा होने के साथ इसका रंग पीला या हरा होने लगे तो तुरंत डाक्टर की मदद लेनी चाहिए, क्योंकि अगर जुकाम वायरस के कारण हो तो एंटीबायटिक भी उसमें मदद नहीं कर पाती।

* अगर बच्चा थोड़ा ज्यादा उम्र का है और उसमें उपरोक्त लक्षण नजर आ रहे हैं तो अमूमन घर पर भी उपचार किया जा सकता है।

* बच्चे की नाक में कोई ऐसा उपयुक्त तरल पदार्थ डालना चाहिए, जिससे उसकी बंद नाक खुल सके।

* थोड़े-थोड़े अंतराल पर बच्चे को आहार देते रहें। अगर बच्चा स्तनपान करता है तो उसे जारी रखना चाहिए, क्योंकि मां का दूध जुकाम के लिए जिम्मेदार जीवाणुओं के प्रति सुरक्षा प्रदान करता है।

* अगर नाक में बलगम ज्यादा मोटा हो गया हो, तो रबर बल्ब सिरिंज की मदद ली जा सकती है। यह सिरिंज मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध होता है।