तांगणू की त्रासदी

By: Jan 18th, 2017 12:01 am

( डा. राजन मल्होत्रा, पालमपुर )

रोहड़ू के गांव तांगणू में अग्निकांड के बारे में समाचार पढ़कर मन को गहरा अघात लगा। इस दर्दनाक हादसे में गांव के 50 से भी ज्यादा आशियाने जलकर राख हो गए। हैरानी यह कि इस हादसे के लिए भी कई ऐसे कारण जिम्मेदार रहे, जो अतीत में भी प्रदेश को दर्द देते रहे हैं। इसके बावजूद सबक के हमारे आचरण में कहीं कोई दर्शन नहीं होते। अगर अग्निशमन वाहन के तांगणू तक पहुंचने की कोई व्यवस्था होती, तो शायद प्रभावित गांव इस तरह से धू-धू कर न जलता। प्रदेश जहां एक के बाद एक आपदाओं से मुखातिब हो रहा है, वहां प्रदेश के आपदा प्रबंधन बोर्ड को भी अपनी भूमिका पर नजर फेरनी होगी। हालांकि आपदाएं बताकर नहीं आती, लेकिन आपदा के बाद के नुकसान को कम से कम किया जा सके, इसी लिए आपदा प्रबंधन की जरूरत होती है। प्रदेश आपदा प्रबंधन बोर्ड जहां पहले से ही प्रदेश में हुई बर्फबारी के बाद के हालात को काबू करते-करते हांफ चुका है, उससे किसी और आपदा पर नियंत्रण की क्या उम्मीद करें? हालांकि सर्दियों का यह मौसम अभी खत्म नहीं हुआ है और देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में प्रदेश आपदा प्रबंधन बोर्ड इस तरह के हादसों से निपटने की क्या तैयारी करता है। भगवान इस आपदा से ग्रस्त लोगों को यह दुख झेलने की ताकत दे।

 


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