पीएचसी-सीएचसी-अस्पताल में तैनात करो डाक्टर

बिलासपुर —  सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण मंच एवं विकास मंच बिलासपुर ने जिला के पीएचसी व सीएचसी और क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में डाक्टर व अन्य स्टाफ उपलब्ध करवाए जाने की वकालत की है। मंच के अध्यक्ष डा. केडी लखनपाल ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों की मूलभूत सुविधाओं में शुमार होती हैं। आज जहां सुपर स्पेशलिस्ट का जमाना है, वहां पर यदि क्षेत्रीय अस्पताल में भी 25 डाक्टरों में से वर्तमान में 12 से 13 डाक्टर ही काम कर रहे हैं और उनमें भी सर्जन जैसे महत्त्वपूर्ण डाक्टर न हो, तो अस्पताल में सिर्फ पोस्ट आफिस वाला ही काम रह जाता है, जो कि आज जिला अस्पताल बिलासपुर की दशा है। इसके चलते लोगों की परेशानियों का बढ़ना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं कि जिला के सीएचसी और पीएचसी में पूरा स्टाफ तैनात नहीं कर सकते हो तो कम से कम जिला अस्पताल में तो पूरा स्टाफ होना आवश्यक है। उन्होंने इसके लिए सीधे-सीधे राजनेताओं की जिम्मेदार ठहराया है और कहा कि ऐसी स्थिति मंडी, हमीरपुर व कांगड़ा जिलों में क्यों नहीं है, क्यों बिलासपुर जिला में पिछले तीन-चार सालों से यह दुर्दशा जिला अस्पताल की है इसके लिए आखिर कौन जिम्मेदार है। अब जनता यह जवाब चाहती है। उन्होंने कहा कि बीते दो वर्र्षों में लगभग छह-सात डाक्टर बिलासपुर अस्पताल को अलविदा कर  या तो नौकरी छोड़कर चले गए हैं या फिर लंबी छुट्टी पर हैं और उनके आने की कम ही उम्मीद है, जिस कारण लोगों को आर्थिक व मानसिक तौर पर भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके चलते लोगों को आईजीएमसी शिमला या फिर पीजीआई चंडीगढ़ जाना पड़ रहा है। उधर, मंच के महासचिव ओंकार कतना, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रूप सिंह ठाकुर, उपप्रधान एके सुहील, होरियार सिंह ठाकुर, रामनाथ धीमान व चौधरी राम शर्मा आदि ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह को शीघ्र ही इसका संज्ञान लेना चाहिए और कम से कम जोनल अस्पताल में पूरा स्टाफ तैनात करना चाहिए।

प्रांजलि आईटीआई में की साफ-सफाई

घुमारवीं- बिलासपुर क्रिकेट संघ द्वारा छेड़े गए स्वच्छता अभियान के तहत बुधवार को कैब के पदाधिकारियों ने घुमारवीं स्थित प्रांजलि आईटीआई में सफाई अभियान चलाया। आईटीआई के प्रशिक्षुओं ने आईटीआई परिसर, गलियों और रिहायशी मकानों के बाहर सफाई करके लोगों को सफाई के प्रति जागरूकता का संदेश भी दिया।

अस्पताल में पड़ी मशीनें तुरंत हो चालू

उन्होंने कहा कि जो मशीनें अस्पताल में बेकार पड़ी हैं, उन्हें भी तुरंत चालू किया जाए और आज तक उन्हें बंद कमरे में रखने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न ही न हो सके और सरकारी पैसा बर्बाद होने से बच सके तथा लोगों को इन उपकरणों का लाभ मिल सके।