पुराने स्मारकों को मनचाहा पैसा

धर्मशाला – हिमाचल में पुरातन स्मारकों और धर्मिक संस्थानों के अब अच्छे दिन आने वाले हैं। अब पुराने मंदिरों और इमारतों के मरम्मत कार्य किए जाने के लिए प्रोपोज्ड बजट के अनुसार बजट उपलब्ध करवाया जाएगा। इस के लिए बजट की कोई सीमा नहीं रखी गई है। हांलाकि इससे पहले भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा पुरानी इमारतों के जीर्णोद्धार के लिए मात्र 25 हजार रुपए बजट ही प्रदान किया जाता था, लेकिन अब योजना में बड़ा फेरबदल किया गया है। भाषा एवं संस्कृति विभाग सहायतानुदान नियम 1981 के तहत स्मारकों और धार्मिक संस्थानों को अनुदान प्रदान करने के नियम में बड़ा फेरबदल किया गया है। अब एक सौ साल पुरानी इमारत और धार्मिक स्थलों को गिरने और उनका आस्त्तिव समाप्त नहीं होने दिया जाएगा। इसके चलते अब एक सौ वर्ष पुरातन स्वरूप को बनाए रखने के लिए भवन की आवश्यकतानुसार बजट उपलब्ध करवाया जाएगा। बहरहाल प्राचीन इमारत को सहेजने के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा लाखों के बजट को प्रोपोज्ड करने पर भी विभाग द्वारा उपलब्ध करवाया जाएगा। संस्कृतिक विभाग के निदेशालय द्वारा अनुदान की स्वीकृति होने पर 30 प्रतिशत, आधा कार्य पूर्ण होने पर 50 प्रतिशत और शेष कार्य पूरा होने पर 20 प्रतिशत की राशि उपलब्ध करवाई जाएगी। अनुदान के तहत प्रदान की गई राशि को मात्र एक वर्ष में ही खर्च करने का भी प्रावधान किया गया है।