प्रशासनिक समस्याओं का मौके पर समाधान

नाहन —  मुख्य सचिव हिमाचल प्रदेश सरकार वीसी फारका के जिला सिरमौर के  प्रवास से जहां विकास कार्यों के कार्यान्वयन में पेश आ रही विभिन्न समस्याओं का मौके पर समाधान सरल हुआ है, वहीं पर अधिकारियों को अपने कार्य करने के लिए एक नई ऊर्जा मिलने के साथ-साथ उनका मनोबल भी बढ़ा है। उपायुक्त कार्यालय में आयोजित अधिकारियों की बैठक में मुख्य सचिव द्वारा   विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को पेश आ रही विभिन्न प्रशासनिक समस्याओं का भी मौके पर समाधान किया गया। उन्होंने कहा कि जो विकास कार्य एफआरए की स्वीकृति न मिलने से लंबित पड़े हैं उन्हें वन विभाग प्राथमिकता के आधार पर निपटाएं, चूंकि सरकार द्वारा वन विभाग को एक हेक्टेयर भूमि तक स्वीकृति प्रदान करने के लिए प्राधिकृत किया गया है। उन्होंने सिरमौर जिला को खुले में शौचमुक्त करवाने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों को बधाई दी और कहा कि यह एक निरंतर प्रक्रिया है और इसकी निगरानी भविष्य में इसी प्रकार जारी रखी जाए। उन्होंने विशेषकर शहरी और औद्योगिक क्षेत्रों की स्वच्छता बनाए रखने की निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने डीआरडीए विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि निर्धन बीपीएल परिवार के लिए स्वीकृत मकानों के निर्माण कार्य प्राथमिकता के आधार पर करवाया जाए। इसके अतिरिक्त मनरेगा कार्यक्रम को मिशन मोड में आरंभ किया जाए, जिसमें सभी संबंधित विभाग एकजुट होकर कार्य करें। जिला में लगाए गए राजस्व शिविरों की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम को भविष्य में जारी रखा जाए। उन्होंने जिला प्रशासन के सौजन्य से आयोजित राजस्व शिविरों पर संतोष व्यक्त किया।  उन्होंने कृषि व बागबानी के व्यापक प्रचार व प्रसार पर विशेष बल देते हुए कहा कि कृषि एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें सर्वाधिक स्वरोजगार के साधन उपलब्ध हैं और कृषि व बागबानी के अधिकारियों को फील्ड में जाकर किसानों को कृषि व बागबानी की नवीनतम तकनीक बारे जानकारी दी जाए।